नई दिल्ली (लाइव भारत 24) : मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड (“आरएनईएल”), ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित कैलक्स कॉर्पोरेशन में निवेश की घोषणा की है। अगली पीढ़ी की सौर प्रौद्योगिकी का विकास करने वाली कैलक्स में 20% हिस्सेदारी के लिए रिलायंस न्यू एनर्जी 1.2 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इस निवेश से ‘एडवांस सोलर सेल टेक्नोलॉजी’ में कंपनी को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
यह निवेश कैलक्स को प्रौद्योगिकी विकास और अमेरिकी के साथ दुनिया भर के बाजारों में पैर जमाने में मदद करेगा। दोनों कंपनियों ने इसके लिए एक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दरअसल कैलक्स, पेरोव्स्काइट-आधारित सोलर टैक्नोलॉजी के लिए जानी जाती है। कंपनी उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल बनाती है जो 20% अधिक ऊर्जा का उत्पादन कर सकती है। 25 साल तक बिजली पैदा कर सकने वाले, इसके सोलर प्रोजेक्ट की लागत भी काफी कम होती है।
रिलायंस गुजरात के जामनगर में एक विश्वस्तरीय, एकीकृत फोटोवोल्टिक गीगा फैक्ट्री स्थापित कर रही है। इस निवेश के साथ ही रिलायंस, कैलक्स के उत्पादों का लाभ उठा सकेगी और ‘अधिक शक्तिशाली’ और कम लागत वाले सौर मॉड्यूल्स का उत्पादन कर सकेगी।
इस निवेश के बारे में बात करते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, श्री मुकेश डी अंबानी ने कहा, “कैलक्स में निवेश ‘विश्व स्तरीय हरित ऊर्जा निर्माण’ ईको सिस्टम बनाने की हमारी रणनीति के अनुरूप है। हमारा मानना है कि कैलक्स की पेरोव्स्काइट-आधारित सोलर टैक्नोलॉजी और क्रिस्टलीय सौर मॉड्यूल, हमें अगले चरण तक पहुंचने में मदद करेंगे। हम इसके उत्पाद विकास और इसकी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण में तेजी लाने के लिए कैलक्स टीम के साथ काम करेंगे।
कैलक्स कॉर्पोरेशन के सीईओ, स्कॉट ग्रेबील ने रिलायंस के एक प्रमुख निवेशक के रूप में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि “हम क्रिस्टलीय सौर मॉड्यूल को अधिक कुशल और किफायती बनाने और अपनी विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान देंगे। हम रिलायंस की वैश्विक विस्तार योजनाओं और उत्पाद रोडमैप का सपोर्ट करते हैं।“
खोसला वेंचर्स के विनोद खोसला ने कहा, “कैलक्स के शुरुआती निवेशक के रूप में, हम उनकी तकनीकी प्रगति से काफी प्रभावित हुए हैं और उनके साथ काम करना जारी रखेंगे” इस सौदे के लिए किसी नियामक के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी और सितंबर 2022 के अंत तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।