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‘‘ऋषि साहित्य मानवीय जीवन-मूल्यों का बोध करता है’’: अर्चना शुक्ला

  • आईआईएम लखनऊ के निदेशिका के पुस्तकालय में गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 341वाँ युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना

  • ऋषि साहित्य नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करता है: आईएस पाण्डेय

    लखनऊ (लाइवभारत24)। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘भारतीय प्रबन्ध संस्थान आई.आई.एम., लखनऊ की निदेशिका सुश्री अर्चना शुक्ला के पुस्तकालय में 341वाँ पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का वांड़मय साहित्य की स्थापित किया गया। उपरोक्त यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के ट्रस्टी श्रीमती ऊषा सिंह ने पुस्तकालय में वाङ्मय भेंट किया।

    इस अवसर पर युग निर्माण योजना के सम्पादक आई.एस. पाण्डेय, ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऋषि साहित्य नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करता है। संस्थान की निदेशिका सुश्री अर्चना शुक्ला ने कहा कि ऋषि साहित्य मानवीय जीवन मूल्यों का बोध कराता है।
    वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि विचार क्रांति अभियान इस युग की नितांत आवश्यकता है जनमानस में सद्ज्ञान का प्रकाश फैले और पीड़ा-पतन से मानव जीवन मुक्त हो सके इसलिए ज्ञान यज्ञ युगधर्म है।
    इस अवसर पर संस्थान के निदेशिका सुश्री अर्चना शुक्ला, संस्थान के ओ.एस.डी. ब्रिगेडियर श्री दिनेश शर्मा श्री एम.सी. शुक्ला (प्रशासनिक अधिकारी), श्री मारूति नंदन, श्री उमानंद शर्मा, श्री नरेन्द्र देव, श्रीमती ऊषा सिंह गायत्री तपोभूमि के वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री आई.एस. पाण्डेय, श्री हरे राम शर्मा के अतिक्ति उपस्थित थे।

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