लखनऊ(लाइवभारत24)। एफआईएस ने अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) और एनडीटीवी के अभियान रीबिल्डिंग लाइव्स के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 75 लाख रुपए) के योगदान की घोषणा की है। यह राशि एआईएफ के माध्यम से प्रदान की जाएगी। एआईएफ भारत में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करने और संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच एक स्थायी सेतु के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध संगठन है। एआईएफ के अनुसार कोविड- 19 से उपजे आर्थिक संकट, लॉकडाउन, यात्रा संबंधी प्रतिबंध और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी आवश्यकताओं के कारण लगभग 40 मिलियन प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जैसे-तैसे अपने घर पहुंचने के बाद भी उन्हें भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। वे कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं और उन्हें लंबे समय तक बेरोजगारी के जोखिम का सामना भी करना पड़ रहा है। उनके परिवार संक्रमण के उच्च जोखिम का सामना करते हैं, और उनके बच्चे विशेष रूप से लड़कियां बुनियादी शिक्षा भी हासिल नहीं कर पा रही हैं। एफआईएस एक प्रतिबद्ध संगठन है और ऐसे समुदायों और उन लोगों की सहायता करने में विश्वास करता है, जिनके साथ वे काम करते हैं। भारत परिचालन के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है (दुनियाभर में एफआईएस के 55000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से एक तिहाई भारत में है)। इस तरह की महामारी की स्थिति में समुदाय को वापस देने की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कंपनी ने यह कदम उठाया है। कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली सहायता राशि कारोबारों और समुदायों की मदद करने और सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए है। वर्तमान दौर में अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना भी बहुत महत्वपूर्ण है और इस स्थिति को देखते हुए भी एफआईएस ने सहायता राशि उपलब्ध कराई है। इस योगदान के साथ, एफआईएस भारतीय समुदाय के लिए अपने समर्पण और प्रतिबद्धता को चिह्नित करता है। कंपनी ने पहले पीएम केयर्स फंड में 2.4 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान दिया है।