पटना (लाइवभारत24)। बिहार विधान सभा चुनाव में RJD का आरोप है कि कांग्रेस नेता ज्यादा सक्रिय नहीं दिख पाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में 12 रैलियां कीं। वहीं राहुल गांधी ने बिहार में सिर्फ 6 रैलियों को संबोधित करके काम चला लिया। साफ है कांग्रेस बीजेपी की तरह कड़ी मेहनत करती तो बिहार की तस्वीर बदल सकती थी। कांग्रेस की इसी अगंभीर राजनीति से शिवानंद तिवारी बेहद नाराज हैं। जब दूसरे की करनी खुद को भरनी पड़े। जब कड़ी मेहनत पर कोई दूसरा पानी फेर कर निकल जाए तो दिल से ऐसा ही गुबार उठता है जैसा आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के दिल से निकला।
वैसे बिहार में महागठबंधन की हार के बाद RJD के सभी नेताओं के दिल में कांग्रेस के खिलाफ लावा उबल रहा होगा. लेकिन वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के क्रोध का ज्वालामुखी फट गया। इसके बाद शिवानंद तिवारी ने जब कांग्रेस को आईना दिखाना शुरु किया तो न राहुल गांधी को छोड़ा, न प्रियंका गांधी (Rahul-Priyanka) को।
शिवानंद तिवारी और RJD की कांग्रेस पर नाराजगी की वजह भी समझने की जरूरत है। बिहार में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी। जिसमें से वह केवल 19 सीटें जीत पाई।
अब बीजेपी जो बात देश को लगातार समझा रही है। वही बात कांग्रेस के सहयोगी दल ने भी दोहरा दी। ऐसे में बीजेपी को फिर से मौका मिल गया। अमेठी में राहुल गांधी को शिकस्त देने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शिवानंद तिवारी के बयान को ट्वीट करके कहा कि जब कुछ लोगों के लिए राजनीति पैंट, शर्ट और पिकनिक में होती है।
वैसे शिवानंद तिवारी से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राहुल गांधी को राजनीति का अपरिपक्व और नर्वस छात्र बताया था। अब बीजेपी नेता राहुल गांधी पर कांग्रेस के मौन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इतना सब कुछ होने के बावजूद कांग्रेस चुप क्यों है?
साफ है बिहार में महागठबंधन की हार का ठीकरा आरजेडी अब राहुल गांधी पर फोड़ रही है। सवाल कांग्रेस पार्टी पर भी खड़े किए जा रहे हैं। लेकिन एक परिवार की भक्ति में लीन कांग्रेस इस मुद्दे पर राहुल गांधी से जवाबदेही तय करेगी। इसकी उम्मीदें न के बराबर हैं।
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