नयी दिल्ली (लाइवभारत24)। सुप्रीमकोर्ट ने धारा 124 ए के तहत राजद्रोह कानून पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आज इस कानून के तहत चल रहे सभी मामलों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस कानून के तहत कोई भी नया मामला दर्ज न करने के निर्देश दिये हैं। इससे पूर्व केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस एन. वी. रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की एक पीठ को बताया कि राजद्रोह के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करना बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह प्रावधान एक संज्ञेय अपराध से संबंधित है और 1962 में एक संविधान पीठ ने इसे बरकरार रखा था। केंद्र ने राजद्रोह के लंबित मामलों के संबंध में न्यायालय को सुझाव दिया कि इस प्रकार के मामलों में जमानत याचिकाओं पर शीघ्रता से सुनवाई की जा सकती है, क्योंकि सरकार हर मामले की गंभीरता से अवगत नहीं हैं और ये आतंकवाद, धन शोधन जैसे पहलुओं से जुड़े हो सकते हैं। विधि अधिकारी ने कहा, ‘अंततरू लंबित मामले न्यायिक मंच के समक्ष हैं और हमें अदालतों पर भरोसा करने की जरूरत है।श् मामले पर सुनवाई जारी है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र से कहा था कि राजद्रोह के संबंध में औपनिवेशिक युग के कानून पर किसी उपयुक्त मंच द्वारा पुनर्विचार किए जाने तक नागरिकों के हितों की सुरक्षा के मुद्दे पर 24 घंटे के भीतर वह अपने विचार स्पष्ट करे। शीर्ष अदालत राजद्रोह संबंधी कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

Good initiative by court