जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन में भक्तों का तांता, चंद्रोदय मंदिर में भगवान कृष्ण का अभिषेक, दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे
भगवान कृष्ण का अभिषेक कर भक्त हुए भावविभोर वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में दर्शन को देर रात तक लगी रही श्रद्धालुओं की कतार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कान्हा की जन्मस्थली मथुरा और वृंदावन में द्वारकाधीश के अभिषेक के साथ ही कृष्ण महोत्सव का भी आगाज हो गया। विश्व के सबसे ऊंचे बनने जा रहे वृंदावन स्थित चंद्रोदय मंदिर में भगवान कृष्ण के प्राकट्य से पहले दर्शन को श्रद्धालु आतुर दिखाई दे रहे हैं।
वहीं, वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान का पवित्र नदियों के लाए गए जल से और फिर उसके बाद गाय के दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया गया। इस दौरान शंख, ढोल की ध्वनि से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की मंदिर में गूंज बनी रही। गाय के दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया गया। गाय के दूध, दही, घी, बूरा और शहद से अभिषेक किया गया।
कान्हा की नगरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दर्शन को पहुंचे, कहाकि तीन सालों से कर रहा था यहां आने का इंतजार।
इससे पहले दोपहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन में सीएम के रूप में योगी आदित्यनाथ भी पहली बार शामिल हुए। यहां राम लीला मैदान में आयोजित कृष्णोत्सव में मुख्यमंत्री ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी। सीएम ने भारत माता की जय के साथ कहा कि वे इस अवसर का तीन सालों से इंतजार कर रहे थे। साल 2019 में आगरा तक आ गया, लेकिन तभी सूचना मिली कि सुषमा स्वराज जी का निधन हो गया। साल 2020 में कोरोना था, स्थितियां गंभीर थी। अब कोरोना नियंत्रण में है, मगर सावधानी जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि मैं वृंदावन बिहारी लाल से प्रार्थना करने आया हूं कि जैसे आपने अनेक राक्षसों का अंत किया था, वैसे ही कोरोना रूपी राक्षस का भी अंत करने की कृपा करें।
पहली बार राष्ट्रपति पहुंचे अयोध्या
आगे सीएम ने कहा कि पहले आपके पर्व और त्योहार में बधाई देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक नहीं आते थे। भाजपा के प्रतिनिधियों को छोड़कर अन्य दलों के लोग दूर भागते थे। हिंदू पर्व और त्योहारों में कोई सहभागी नहीं बनता था। अलग से बंदिशें लगती थीं। सीएम योगी ने कहा कि धरा पर धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण का प्राकट्य हुआ था। सीएम ने कहा कि देश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में परिवर्तन कर रहा हैं। आजादी के बाद पहली बार जब कोई राष्ट्रपति अयोध्या पहुंचे। नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए…यही परिवर्तन हैं।
तीर्थस्थल पर बंद हो मद्यपान
संतों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
बृज क्षेत्र में घोषित 7 तीर्थ स्थल वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल, बल्देव, गोवर्द्धन व महावन में संतों ने मधपान बंद करने के लिए कहा हैं। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से कहा कि वह ऐसी योजना बनाएं की इस काम को करने वाले उजडें भी न और उनका पुनर्स्थापन भी हो जाए। इस काम को करने वालों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ें। फरवरी में वृंदावन में लगे वैष्णव कुंभ मेले के संपन्न होने पर संतों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए उनको सम्मान पत्र दिया। संत फूलडोल दास महाराज ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वह मथुरा से चुनाव लड़ें।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बड़ा हादसा होने से टला
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शामिल होने आए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उस समय बड़ा हादसा होने से बाल-बाल टला। जब मुख्यमंत्री संबोधन करने मंच पर पहुंचे। तभी वहां लगी एक लाइट में शार्ट सर्किट हो गया। जिसकी वजह से मामूली आग उसमें लग गई। गनीमत रही कि बिजली कर्मियों ने उस लाइट के तार अलग कर दिए। जिससे हादसा होने से बाल-बाल टल गया।
प्रभु के दर्शन को लाखों लोग पहुंचे
श्री कृष्ण के जन्मस्थान के गर्भगृह को इस बार जेल का रूप दिया गया है। मंदिर के सचिव के मुताबिक, भगवान के दर्शन के लिए करीब लाखों श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन आ चुके हैं। लोग सुबह से ही गृर्भ गृह में दर्शन कर रहे हैं। रात में भीड़ बढ़ने की ज्यादा संभावना जताई गई। वहीं, श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शुरू हुई शोभायात्रा श्री पोतरा कुंड, मनोहरपुरा, गोविंदनगर, संगीत सिनेमा, डीग गेट होते हुए वापस श्री कृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर पहुंच। गई है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ढोल-नगाड़े बजाए गये।
मंदिरों में दिन में ही किया गया कान्हा का भगवान का अभिषेक
भगवान राधा कृष्ण की नगरी वृंदावन के मंदिरों में दिन में ही भगवान का अभिषेक किया जा रहा है। यहां के प्रमुख सप्त देवालयों राधारमण, राधा दामोदर, शाह बिहारी जी में शंख और घंटे घड़ियाल की ध्वनि के बीच भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया। ठाकुर राधारमण मंदिर में सेवायतों की ओर से औषधियों से निर्मित 751 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर ठाकुर राधारमण लाल के जयकारों से गूंज उठा। प्राचीन शाहजी मंदिर मे सेवायत गोस्वामियों ने ठाकुर जी का दूध, दही, शहद, बूरा, इत्र से महाभिषेक किया। द्वारिकाधीश मंदिर में भी पूरे विधि विधान से भगवान का अभिषेक किया गया। यहां सेवायतों ने मंदिर के पट खुलते ही सुबह भगवान द्वारकाधीश का पंचामृत अभिषेक किया।
होटल्स, धर्मशाला और गेस्ट हाउस रहे फुल
हजारों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन पहुंच गए हैं। यहां मंदिरों के बाहर देर रात तक भीड़ जुटी रही।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन पहुंच गए हैं। यहां मंदिरों के बाहर देर रात तक भीड़ जुटी रही।
शहर में करीब 750 होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस समेत करीब 10 हजार से ज्यादा फ्लैटों में सभी रूम फुल हैं। श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट के सचिव कपिल शर्मा का कहना है कि इस साल लाखों से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। क्योंकि कोरोना की वजह से पिछले साल जन्माष्टमी पर सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ था। इसलिए अब राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आ रहे हैं।