यह साझेदारी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की करीब 350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल पहुंच बढ़ा रही है।
बाराबंकी (लखनऊ) के निवासी अब बिना किसी अतिरिक्त डेटा लागत के डिजिटल सूचना और सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं

बाराबंकी(लाइवभारत24)। ऑक्सफैम इंडिया की हालिया रिपोर्ट के अनुसार शहरी-ग्रामीण डिजिटल डिवाइड अभी भी मौजूद है। पैंडेमिक की शुरुआत ने बुनियादी सेवाओं और ,टेक्नोलॉजी (प्लेटफॉर्म) के माध्यम से सूचनाओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल रूप से जुड़े रहने की आवश्यकता को बढ़ा दिया। लेकिन इस डिजिटल ब्रह्मांड तक पहुंच बनाए रखना उस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति और आर्थिक क्षमताओं पर निर्भर थी।

इस प्रकार, ऐसे परिदृश्य में, ऑफ़लाइन सामग्री तक पहुंच को सक्षम करना अंडर और अनकनेक्टेड क्षेत्रों के लिए अत्यधिक जरूरी हो जाता है।
डिजिटल नेटवर्क को सभी की पहुंच में लाना – जहां सूचना और सेवाएं प्रासंगिक और सस्ती रहते हुए हाइपरलोकल हो जाती हैं – एक स्थायी ‘डिजिटल इंडिया’ बनाने के लिए आज के समय की आवश्यकता है। इस एकमात्र लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत सरकार की ई-गवर्नेंस पहल, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), ने समान डिजिटल पहुंच को सक्षम करने के लिए एक हाइपरलोकल क्लाउड प्लेटफॉर्म शुगरबॉक्स के साथ पार्टनरशीप की।

28,000 की अनुमानित आबादी वाला बाराबंकी जिला सितंबर 2022 से इस पेटेंटेड हाइपरलोकल टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहा है। इस गांव के निवासियों ने मनोरंजन, शिक्षा, ई-कॉमर्स और अपस्किलिंग जैसी डिजिटल सामग्री तक पहुंचने और उपभोग करने के लिए इस टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन को अपना रहे हैं। जहां डिजिटल कनेक्टिविटी सही नहीं है (जैसे इस गांव) में इस टेक्नोलॉजी की मदद से शिक्षा की पहुंच बढ़ाने से छात्रों को बेहतर भविष्य की आकांक्षा को मजबूत करने में मदद मिली।

जैदपुर के नगर पंचायत अध्यक्ष रियाज अहमद का कहना है कि “सीएससी और शुगरबॉक्स पार्टनरशिप ने ग्रामीण भारत में डिजिटल कंटेंट तक सस्ती और निर्बाध पहुंच को सक्षम किया है, और हमारा गांव उनमें से एक है। शुगरबॉक्स टेक्नोलॉजी की तैनाती के बाद से, हमारे गांव के निवासी बिना किसी अतिरिक्त मोबाइल डेटा लागत के फिल्मों और वेब-सीरिज जैसी डिजिटल सामग्री का आनंद ले पा रहे हैं। इसके अलावा, छात्रों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के अपनी शिक्षा और स्किल बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त प्लेटफॉर्म मिला है। यह देखना दिल को छू लेने वाला है कि आर्थिक विषमता अब डिजिटल सेवाओं तक पहुंच के लिए बाधा नहीं बनेगी, इस प्रकार यह एक स्थायी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन बन जाएगा।”

भले ही, भारत इंटरनेट की पहुंच में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, फिर भी बड़ी संख्या में लोग अभी भी अपर्याप्त डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ रिमोट एरिया में रहते हैं। ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 31 फीसदी ग्रामीण आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है। भारत में प्रति 100 लोग, लगभग 57.29 कुल इंटरनेट ग्राहक हैं, यह संख्या ग्रामीण भारत में बहुत कम है (33.99) है। सीएससी और शुगरबॉक्स के बीच पार्टनरशिप का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए डिजिटल गैप को प्रभावी ढंग से पाटना है क्योंकि वे या तो खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी का अनुभव करते हैं और/या डिजिटल सेवाओं और सूचनाओं तक पहुंचने योग्य आय नहीं है।

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