लखनऊ (लाइव भारत 24)। कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए सरकार ने कोविड वॉलंटियर्स (स्वयं सेवकों) का सहयोग लेने की तैयारी की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकिसा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को जारी पत्र के अनुसार स्वयंसेवकों के सहयोग और पर्यवेक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जिसके अध्यक्ष स्वयं जिलाधिकारी होंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरु युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय केडेट कोर, युवक/ महिला मंगल दल, रेडक्रॉस या अन्य संस्थाओं के सदस्य जो स्नातक/परास्नातक हों व जिनकी आयु 21 से 30 वर्ष हो तथा जो चिकित्सीय रूप से स्वस्थ हों, कोविड वालंटियर्स के रूप में काम कर सकते हैं।
इस कार्य के लिए कोई भी मानदेय नहीं दिया जायेगा। शुरू में इनके स्वैच्छिक कार्य का समय 3 माह का होगा जिसे बाद में राज्य में कोविड-19 की स्थिति के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है। सेवा अवधि पूरी होने के बाद स्वयसेवकों को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।
स्वयंसेवक समिति में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी , अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा स्वयं सेवकों के जनपद स्तरीय स्वयंसेवकों को जिलाधिकारी अपने विवेक से सदस्य के रूप में नामित कर सकते हैं।
वहीं, पत्र के अनुसार, इनका मुख्य योगदान कोरोना से बचाव एवं राहत कार्य में होगा। निगरानी समिति के सहयोग के अलावा यह लोग प्रचार-प्रसार में भी मदद करेंगे। जिन होम क्वेरेंटाइन परिवारों के घरों में आशा द्वारा फ्लायर नहीं लगाया गया होगा, वहां फ्लायर लगवाना भी सुनिश्चित करवाएंगे। कोरोना के संभावित मरीजों के बारे में यह सूचना भी उपलब्ध करायेंगे।
यह भी कहा गया है कि इन वॉलंटियर्स के पास खुद का एंड्राइड अथवा स्मार्ट फोन होना चाहिए। इनका सम्प्रेषण कौशल भी अच्छा होना चाहिए। इन स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी और गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टूल/एप्लीकेशन उपलब्ध कराया जायेगा।
स्वयंसेवक बनने के लिए dgmhup.gov.in/en/volunteerRgistration पर पंजीकरण कर सकते हैं।
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