लखनऊ, 6 जून(LiveBharat24 )। देश की प्रमुख आयुर्वेद आधारित हेल्थकेयर कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने पुदीना की औषधीय उपयोगिता और लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कंपनी ने पुदीना को “वंडर हर्ब” यानी चमत्कारी जड़ी-बूटी के रूप में प्रतिष्ठित करते हुए इसके औषधीय गुणों पर विस्तार से चर्चा की।इस अवसर पर डाबर इंडिया लिमिटेड के आयुर्वेद फिजिशियन डॉ. ए.के. पाण्डेय और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के मैनेजर दिनेश कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. पाण्डेय ने बताया कि पुदीना में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो खासकर गर्मियों के मौसम में पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होते हैं। उन्होंने बताया कि चिलचिलाती गर्मी और लू के चलते शरीर के पाचन तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, ऐसे में पुदीना युक्त उत्पाद जैसे डाबर पुदीन हरा राहत देने में मदद करता है।कार्यक्रम में डाबर हेल्थकेयर के विपणन प्रमुख अजय परिहार ने कहा, “आज के समय में उपभोक्ता बहुपरिचालित जीवनशैली में जी रहे हैं, उन्हें ऐसे उत्पादों की आवश्यकता है जो प्राकृतिक हों और प्रभावी भी। डाबर पुदीन हरा, गैस, अम्लता और अपच जैसी सामान्य लेकिन कष्टप्रद पेट की समस्याओं के लिए एक भरोसेमंद समाधान है। यह उत्पाद पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान पर आधारित है और बिना किसी कठोर रसायन के पेट की परेशानियों से राहत दिलाता है।”डॉ. पाण्डेय ने कहा कि आयुर्वेद की पांडुलिपियों में पुदीना का उल्लेख 3000 वर्ष पुराना है और इसे सदियों से पाचन संबंधी बीमारियों के लिए कारगर माना गया है। उन्होंने बताया कि पुदीना में मौजूद मेन्थॉल पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है। इसके सेवन से पेट की ऐंठन, गैस और अम्लता जैसी समस्याओं में तुरंत राहत मिलती है।डाबर का ‘पुदीन हरा’ ब्रांड, जो कि कंपनी की 100 साल पुरानी विरासत का हिस्सा है, अब टैबलेट, तरल, पाउडर और ‘पुदीन हरा फिज’ जैसे विभिन्न रूपों में उपलब्ध है। यह उत्पाद एल्यूमीनियम या मैग्नीशियम युक्त रासायनिक एंटासिड की तुलना में एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है।इस अभियान के माध्यम से डाबर इंडिया का उद्देश्य पुदीना जैसी पारंपरिक जड़ी-बूटियों की महत्ता को फिर से जनमानस में स्थापित करना और आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेदिक समाधान को प्रोत्साहित करना है।