लखनऊ(लाइवभारत24)। केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज के बाद प्रदेश की एमएसएमई में किस प्रकार नई टेक्नॉलाजी एवं इनोवेशन आये इसके लिए प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को अपने आवास पर आईआईटी कानपुर एवं फिक्की के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। उन्होंने कहा कि यूपी भारत और विश्व का ग्लोबल सप्लाई चेन तभी बन सकता है जब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नई टेक्नालाजी और इनोवेशन के साथ कार्य करेंगे। यूपी में उद्योगों के लिए कच्चा माल, कुशल मानव संसाधन और आवश्यक कैपिटल पूंजी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश में स्र्टाट अप को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में टेक्नॉलॉजी फैसेलिटेशन सेंटर खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने आईआईटी कानपुर एवं फिक्की के प्रतिनिधियों से इससे संबंधित प्रस्ताव उपलब्ध कराने की अपेक्षा की।
चर्चा के दौरान आईआईटी कानपुर एवं फिक्की के सदस्यों ने अवगत कराया कि उनके पास एक ऐसा स्टार्ट अप है, जिसके माध्यम से टेक्नॉलाजी एग्रोग्रीड के तहत एग्रो बाई प्रोडेक्ट अर्थात कृषि उपज की कटाई के पश्चात खेत में बची पराली से ईंट बनाने की टेक्नॉलाजी है। यह खोज ईंट का रिप्लेसमेंट होगी। इसके साथ ही स्टील इण्डस्ट्री एवं व्यायलर वेस्ट के माध्यम से ब्रिक्स का निर्माण होगा। श्री सिंह ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि इस खोज से पर्यावरण को फायदा होगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने हेतु प्रोडेक्ट रिसर्च के लिए आईआईटी कानपुर से पार्टनरशिप करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे ओडीओपी उत्पादों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी एक लाख से अधिक अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारंपरिक कारीगरी बनी रहे, इसके लिए ओडीओपी को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है।
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