लखनऊ(लाइवभारत24)। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। दो दिनों तक लखनऊ रह कर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने सरकार और संगठन की कमजोरी और मजबूती को समझने की कोशिश की। इस दौरान बीएल संतोष ने पहले दिन प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ 6 क्षेत्रों के अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री के साथ बैठक की और फिर सरकार के मंत्रियों से वन टू वन मुलाकात की।
मंत्रियों से मुलाकात का दौर दूसरे दिन भी चला। बताया जा रहा है कि सरकार के कुछ मंत्रियों से बीएल संतोष खुद मिलना चाहते थे, लिहाजा उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया गया, जबकि कुछ मंत्रियों ने पहले से ही बीएल संतोष से मिलने का वक्त मांगा था।
मंत्रियों से मुलाकात क दौरान जब बीएल संतोष ने कुछ मंत्रियों से पूछा कि अगर आपको संगठन में जिम्मेदारी दी जाती है तो क्या आप उस जिम्मेदारी को निभाना चाहेंगे? इस सवाल ने कुछ मंत्रियों के पेशानी पर बल ला दिया और यही से इस बात की अटकलें तेज हो गई कि सरकार के कुछ मंत्रियों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। नाम ना छापने की शर्त पर सरकार के एक मंत्री ने कहा कि वो पार्टी के सच्चे सिपाही है और पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे पूरी इमानदारी से निभायेंगे। पार्टी सूत्रों का दावा है कि यूपी में चुनाव नजदीक है, लिहाजा यह बदलाव संभव है और उम्मीद है कि अगले सप्ताह मंत्रीमंडल में ये बदलाव दिखाई भी दे।
अपने यूपी दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने करीब 1 दर्जन मंत्रियों से मुलाकात की है। जिन मंत्रियों ने बीएल संतोष से मंगलवार को मुलाकात की उसमें यूपी के दोनो डिप्टी सीएम केशव मौर्या और दिनेश शर्मा के अलावा सरकार के दोनों प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ सिंह भी शामिल रहे। इसके अलावा श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर, मंत्री गुलाबो देवी के और पिछले कुछ दिनों से विवादों में रहे बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी बीएल संतोष से मुलाकात की।
सूत्रों का दावा है कि इस मुलाकात में जहां एक तरफ मंत्रीयों के विभाग में हुए जनता से जुड़ी योजनाओं का फीडबैक लिया गया तो दूसरी तरफ अपनी जाति में उनकी पकड़ और संगठनात्मक कौशल को रखने की भी कोशिश की गई। माना जा रहा है कि सरकार में दूसरी लाइन के इन मंत्रियों की जनता और अपने समाज में अच्छी पकड़ भी है। पार्टी चुनाव में इसका लाभ लेना चाहती है, लेकिन ये लाभ किस रुप में लिया जायेगा और इनकी भूमिका 2022 के विधान सभा चुनाव में किस रुप में होगी ये पार्टी में शिर्ष नेतृत्व तय कर सकता है।
संगठन के पदाधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात में एक बात जो सबसे खत रही। वो थी सरकार की छवि बीएल संतोष ने इस बत पर जोर दिया कि हमें हर हालत में चुनाव से पहले आम जनता के दिल में भरे निगेटिव विचारों को निकालना है। यूपी में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए बीएल संतोष ने मंत्र दिया उसमें सबसे खास है सरकार की छवि को बेहतर करना। राष्ट्रीय महामंत्री का जोर इस बात पर था कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में विपक्ष द्वारा जो नकारात्मकता फैलाई जा रही है उसे खत्म करना है।
संक्रमण काल में विपक्ष केवल इंटरनेट मीडिया पर आलोचना करके वातावरण बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है, जबकि भाजपा का प्रत्येक छोटा बड़ा कार्यकर्ता पीड़ितों की मदद में जुटा है। सेवा ही संगठन अभियान को गति देने की बात को भी दोहराया। हालांकि इस बैठक को लेकर जब पार्टी के पदाधिकारियों से सवाल पूछा गया तो सभी ने इसे नियमित बैठक का हिस्सा बताया।