मुंबई (लाइवभारत24)। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन व और अभिषेक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे नानावटी हॉस्पिट में एडमिट हुए हैं। अमिताभ ने सोशल मीडिया पर ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात शेयर की थी। एक तरफ पूरा देश जहां बिगबी की सेहत के लिए दुआएं कर रहा है, वहीं दूसरी ओर एक्स-एमेनेस्टी इंडिया चीफ आकार पटेल ने उन्हें लेकर कई विवादित ट्वीट्स किए हैं। आकार ने अमिताभ को मध्यम वर्गीय अवसरवाद के बुरे गुणों का प्रतिनिधि कहा है।
आकार ने एक के बाद एक चार ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने सेहत के लिए दुआ से इतर कई तरह की बातें लिखीं हैं। अमिताभ के साथ-साथ आकार ने अपने ट्वीट्स में अक्षय कुमार और सचिन तेंदुलकर को भी निशाना बनाया है।पहले ट्वीट में आकार ने लिखा है- मुझे उम्मीद है कि वे अच्छे हैं और 100 तक जिएं। लेकिन यह सच है कि अमिताभ बच्चन भारतीय मध्यम वर्ग के अवसरवाद के सबसे बुरे गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दूसरे ट्वीट में आकार ने अक्षय और सचिन का नाम लिखकर कहा- अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार और सचिन तेंदुलकर मध्यम वर्ग के अवसरवादी हैं। वो हमें दिखाते हैं पैसा क्लास जैसी चीज नहीं है।लगातार किए तीसरे ट्वीट में आकार लिखते हैं- चाहे वो कितना भी पैसा कमा लें, बच्चन, अक्षय और सचिन हमेशा ही मध्यम वर्ग के ऐसे लोगों के रूप में याद रहेंगे जो तुच्छ, अवसरवादी, कुएं के मेंढक और दुनिया से बेखबर हैं। इन्हें कभी पसंद नहीं किया। सचिन का ऑटोग्राफ वाला बैट मिला था, अलग कर दिया।चौथे ट्वीट में आकार ने अपनी बात में मीडिया को निशाना बनाया- आज शूट नहीं। कुछ कल की तलाश करेंगे। इस देश के मीडिया को चार दिनों के लिए एन्काउंटर से हटाकर बच्चन के कोरोना से जुड़ी खबरों की खोज करने कहा गया है।
आकार पटेल देश के जानेमाने लेखक, पत्रकार व ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने 31 मई को अमरीकी मीडिया हाउस कोलोराडो टाइम्स रिकॉर्डर का एक वीडियो रिट्वीट किया था जिसमें अमेरिका में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दिखाया गया था। इस पर बेंगलुरु पुलिस ने उनपर लोगों को प्रदर्शन के लिए भड़काने और उकसाने के आरोप में धारा 505 (1) (b), 153 व 117 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
देश में महत्वपूर्ण घटनाओं और व्यक्तित्वों को निशाना बनाने वाले अपमानजनक बयानों के कारण पहले भी एक केस किया गया था जिसके कारण उनका ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया था। आकार पटेल पर कथित तौर पर सरकार के खिलाफ लोगों के एक वर्ग को उकसाने के प्रयास का आरोप लगाया गया था जब उन्होंने भारत में विशिष्ट समुदायों से आग्रह किया था कि वे ब्लैक लाइव्स मैटर के सपोर्ट में सड़कों पर उतरें।