16.5 C
New York
Monday, 9th \ June 2025, 03:58:18 PM

Buy now

spot_img

तीसरे दिन भी टली अर्नब की रिहाई

मुंबई (लाइवभारत24)। देश के मशहूर रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की रिहाई तीसरे दिन भी टल गई। उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देती और अंतरिम राहत देने की मांग करती पिटीशन पर बॉम्बे हाईकोर्ट कल यानी शनिवार को दोपहर 12 बजे फिर सुनवाई करेगा। इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुने बिना आदेश पारित नहीं करेगा।
हालांकि, अर्नब को विधानसभा विशेषाधिकार हनन मामले में राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।अर्नब इस समय अलीबाग के एक स्कूल में बनी अस्थाई जेल में बंद हैं। उन्हें लगातार तीसरी रात यहीं गुजारनी होगी। हाईकोर्ट चाहता है कि अर्नब पर जिस डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, उसकी पत्नी अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की बात भी सुन ली जाए। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अर्नब से कहा कि अपनी अर्जी में अक्षता को भी शामिल करें। एक दिन पहले भी हाईकोर्ट ने कहा था कि हम जब तक सभी पक्षों यानी अक्षता और महाराष्ट्र सरकार को नहीं सुन लेते, तब तक जमानत पर विचार नहीं कर सकते। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दलीलें क्यों नहीं रखी गईं?
इससे पहले बुधवार को रायगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अर्नब को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में अर्नब की गिरफ्तारी गलत लग रही है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद अर्नब ने बुधवार को ही हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाकर कहा था कि इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR भी रद्द होनी चाहिए।
मुंबई में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में अर्नब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नब और दूसरे आरोपियों ने नाइक को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए डिजाइनर रखा था, लेकिन करीब 5.40 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया। इससे अन्वय की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया।

अर्नब पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्ध‌व ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप शिवसेना विधायक ने लगाया था और इस पर विशेषाधिकार उल्लंघन का प्रस्ताव दिया था। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक लगाई।
साथ ही विधानसभा के सचिव को भी अ‌वमानना का नोटिस भेजा है। ये नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि सचिव ने एक पत्र अर्नब को लिखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धमकी भरा खत लिखकर किसी को कोर्ट जाने से रोका कैसे जा सकता है?

Related Articles

1 कमेंट

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Stay Connected

0फॉलोवरफॉलो करें
0सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!