लखनऊ(लाइवभारत24)। प्रदेश के निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार डा सारिका मोहन ने गुरूवार को वीडियों कांफ्रेंसिंग कर समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर के सहायता से लाभार्थियों से संबधित जानकारियों को डिजिटल प्रारूप में संग्रहीत किया जाये तथा विशेष अभियान चलाकर 30 जून के मध्य सभी लाभार्थियों का डाटा अपडेट किया जाये। उन्होंने कहा कि लाभार्थी का मोबाइल न बर उपलब्ध न होने की दशा में परिवार के किसी भी सदस्य का मोबाइल न बर दर्ज किया जाये। इस कार्य का अनुश्रवण समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा समयान्तर्गत सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेन्टर के प्रतिनिधि एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा अपडेटेड हस्ताक्षरित रजिस्टर की फोटो ली जाएगी, जिसमें आवश्यक विवरण अंकित होगा। जिसे सीएससी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रवार पृथक पृथक गूगल फार्म में 01 से 05 जुलाई के मध्य दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दर्ज किये गये विवरण को बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जायेगा तथा आवश्यकतानुसार 07 जुलाई तक इस विवरण में संशोधन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सीएचसी द्वारा गूगल फार्म पर तैयार किये गये विवरण को दैनिक आधार पर बाल विकास परियोजना अधिकारी को सौपा जायेगा तथा उसकी प्रति निदेशालय को भी प्रेषित किया जाये। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि सीएससी के जिला प्रबंधक की सहायता से समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी स्तर के डेटा को समेकित कर 10 जुलाई तक राज्य स्तर पर प्रेषित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों को सीएससी के जिला प्रबंधकों की सूची और संपर्क विवरण उपलब्ध करा दिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह बाल विकास परियोजना अधिकारियों की सूची उनके संपर्क विवरण परियोजनावार ऑगनवाड़ी की सूची फोन नंबर के साथ सीएससी के जिला प्रबंधकों को उपलब्ध करा दें ताकि आपस में समन्वय स्थापित कर समयान्तर्गत यहकार्य पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि संचालित योजनाओं के अन्तर्गत लक्षित लाभार्थियों यथा 06 माह से 03 वर्ष, 03 से 06 वर्ष तक की आयु के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं एवं 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं की डिजीटलाइज्ड सूची तैयार करने के लिए प्रदेश के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर सभी लाभार्थियों के विवरण को विशेष अभियान चलाकर डिजीटलाइज्ड करने का निर्णय लिया गया है।

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