श्रीनगर (लाइवभारत24)। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली। जवानों ने मुठभेड़ में आतंकी संगठन अल बद्र के चीफ गनी ख्वाजा को मार गिराया। यह एनकाउंटर शाम करीब 7 बजे शुरू हुआ था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के IGP विजय कुमार ने गनी की मौत को बड़ी कामयाबी बताया है। मौके से हथियार भी बरामद हुए हैं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम को पुलिस और सुरक्षाबलों को इस इलाके में आतंकवादी छिपे होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। इसके बाद इलाके की घेराबंदी की गई। सुरक्षाबलों पर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। खबर लिखे जाने तक एनकाउंटर जारी है। गांव में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। अल-बद्र ने पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर जम्मू में बड़े धमाके की साजिश रची थी। सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया था। जम्मू बस स्टैंड से करीब 6 किलो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि IED रखने वाले आतंकी को पाकिस्तान में बैठे अल-बद्र के आका निर्देश दे रहे थे।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर में 4 आतंकी मारे गए थे। 18 फरवरी की रात से 19 फरवरी की सुबह तक शोपियां में चले एनकाउंटर में 3 आतंकी मारे गए थे। शोपियां में मारे गए तीनों आतंकी अल बद्र से जुड़े थे। अल बद्र लश्कर-ए-तैयबा का लोकल आउटफिट है।
आतंकी संगठन अल बद्र कश्मीर में 1998 से एक्टिव है। इस बनाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) का दिमाग माना जाता है। यह संगठन बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भी एक्टिव रहा है। शुरुआत में इसकी कमान आतंकी कमांडर लुकमान को सौंपी गई। इसके बाद पाकिस्तानी पंजाब के बख्त जमीन ने इसकी जिम्मेदारी संभाली। बख्त जमीन ही अल बद्र का प्रमुख कमांडर है। इस संगठन के आतंकी राजौरी, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा के सीमा से सटे इलाकों में एक्टिव रहते हैं। 2005 के बाद से इसकी गतिविधिंया कम हो गई थीं। 2012 के बाद ISI ने अल बद्र के कैडर को पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन फोर्स (BAT) की कार्रवाई में शामिल करना शुरू किया। इस बात का खुलासा रफियाबाद में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी सज्जाद ने किया था।

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