अहमदाबाद (लाइवभारत24)। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले चौथे टेस्ट में रनों का अंबार देखने को मिल सकता है। ऐसा सीरीज के पिछले तीन मैचों में नहीं हुआ है। 4 टेस्ट की सीरीज का आखिरी मैच 4 मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। टीम इंडिया सीरीज में 2-1 से आगे है। उसे ICC टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए आखिरी टेस्ट जीतना या ड्रॉ कराना जरूरी है।
यही कारण है कि यह मैच बैटिंग पिच पर खेला जा सकता है। जहां 5 दिन का खेल हो सकता है। इसमें ड्रॉ का भी चांस होगा। वैसे भी भारत स्पिन पिच बनाने को लेकर आलोचना झेल रहा है। साथ ही आखिरी टेस्ट से बाहर हो चुके तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जगह मोहम्मद सिराज को मौका मिल सकता है। बुमराह ने निजी कारण से टेस्ट से नाम वापस ले लिया है।
भारत ने सीरीज का तीसरा टेस्ट (डे-नाइट) दो दिन में ही जीत लिया था। यहां 30 में से 28 विकेट स्पिनर्स ने लिए थे। मैच के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन समेत कई दिग्गजों ने पिच की जमकर आलोचना की। हालांकि सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों ने सपोर्ट भी किया।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अतुल वासन ने कहा, ‘स्पिन पिच बनाने से भारतीय टीम को दांव उल्टा पड़ सकता है, क्योंकि पिछले टेस्ट में इंग्लैंड के स्पिनर्स के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों को भी स्ट्रगल करना पड़ा था। दांव उल्टा पड़ा तो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।’
वासन ने कहा, ‘मौजूदा समय में भारतीय टीम काफी संतुलित है। इसमें अच्छे बैट्समैन, फास्ट बॉलर और बेहतरीन स्पिनर्स हैं। ऐसे में टीम इंडिया को डरने की जरूरत नहीं है। पिच ऐसी हो, जिससे बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों को भी मदद मिले। यानी बॉल स्विंग भी हो और आखिरी दिनों में स्पिन भी। मेरा मानना है कि टीम इंडिया में बेहतरीन स्पिनर हैं। यदि स्पिनर्स को ज्यादा मदद नहीं भी मिलेगी, तब भी वे बेहतरीन गेंदबाजी करने में सक्षम हैं।
गुजरात क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने बताया, ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 11 पिच (5 लाल और 6 काली मिट्टी) हैं। डे-नाइट टेस्ट पिच नंबर-5 पर खेला गया था, जो लाल मिट्टी से बनी थी। यहां पहले दिन से ही पिच पर धूल उड़ने लगी थी और मैच 6 सेशन भी नहीं चला था। हालांकि आखिरी टेस्ट पिच नंबर-4 पर खेला जाएगा। इसे मार्क कर दिया गया है। यह पिच लाल मिट्टी से बनी है, जहां स्पिनर्स के साथ बल्लेबाजों को भी काफी मदद मिलेगी।’

उन्होंने कहा, ‘स्टेडियम में 6 से 11 तक की पिच को काली मिट्टी से बनाया गया है। नंबर-6 पिच पाटा है, जहां जमकर रन बनते हैं। डे-नाइट टेस्ट की आलोचना के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि आखिरी मैच नंबर-6 पिच पर ही होगा, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है। मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की मौजूदगी में नंबर-4 पिच को कवर कर दिया गया है।’
अधिकारी के मुताबिक, लाल मिट्टी की पिच पर मैच होने से स्पिनर्स और बैट्समैन दोनों को मदद मिलेगी। पिच पर थोड़ी घास छोड़ी जा सकती है, जिससे पहले दो दिन फास्ट बॉलर्स और बैट्समैन को मदद मिलेगी। इससे पिच जल्दी टूटेगी भी नहीं। ऐसे में यह मैच 5 दिन भी चल सकता है। पिच पर थोड़ा समय गुजारने वाले बैट्समैन के बल्ले से जमकर रन भी बन सकते हैं।

डे-नाइट टेस्ट भी लाल मिट्टी की पिच पर हुआ था। वह मैच पिंक बॉल से हुआ था, इस कारण टर्न ज्यादा मिल रही थी और बैट्समैन को बॉल समझने में परेशानी हो रही थी। तब ड्यू फैक्टर भी देखने को मिला था। हालांकि अब टेस्ट रेड बॉल से होगा। ऐसे में मैच में बैट्समैन और बॉलर के बीच संतुलन बना रहेगा।
क्रिकेट स्पेशलिस्ट अयाज मेमन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि टीम इंडिया को ड्रॉ के लिए बिल्कुल भी नहीं खेलना चाहिए। टीम को अपनी स्पिन ताकत के साथ मैच जीतने के लिए ही खेलना चाहिए। यदि टीम ड्रॉ के लिए खेलती है, तो मुश्किल में पड़ सकती है। ऐसे में चैम्पियनशिप का फाइनल भी गंवाना पड़ सकता है। भारतीय टीम की ताकत स्पिनर रहे हैं और उन पर ही भरोसा करना चाहिए।’
पूर्व पिच क्यूरेटर दलजीत सिंह ने कहा, ‘मैं 22 साल तक BCCI का पिच क्यूरेटर रहा। घरेलू सीरीज में मैच कहीं भी हों, पिच स्पिन गेंदबाजों को ही ध्यान में रखकर बनाई जाती है। कोई भी मेजबान टीम हो, वह सीरीज में घरेलू मैदान का फायदा उठाती है। चाहे इंग्लैंड हो या ऑस्ट्रेलिया। सभी अपने अनुसार ही पिच को तैयार करती हैं। मेरा मानना है कि टेस्ट में पिच ऐसी होनी चाहिए, जिस पर 5 दिन तक मैच चले और मैच में रोमांच बना रहे। चौथे टेस्ट में भी कुछ खास बदलाव नहीं होगा।’

टीम इंडिया के प्लेयर्स ने नेट प्रैक्टिस शुरू कर दी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी शेयर किया है। इसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे बैटिंग प्रैक्टिस करते दिख रहे हैं।

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