लखनऊ(लाइवभारत24)। कोविड 19 से निपटने के लिये भारतीय रेल ने इस संघर्ष में साधारण कोचों को कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित करने के लिये कोचों में आवश्यक बदलाव कर तैयार कर दिया है। लखनऊ मण्डल के सवारी एवं मालडिब्बा विभाग ने निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष में 50 साधारण कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर दिया था। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इन कोचों के प्रबंधन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। यूपी सरकार द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के कुल 04 स्टेशनों गोण्डा जं, बहराइच, नौतनवा तथा गोरखपुर स्थित नकहा जंगल स्टेशनों पर रेलवे कोच कोविड केयर सेन्टर लगाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके अनुपालन में रेलवे प्रशासन द्वारा उक्त स्टेशनों पर आइसोलेशन कोच की रेकों को पहुॅचा दिया गया है तथा उनका पूर्ण रूप से सेनिटाइजेशन भी कर दिया गया है। कोविड केयर सेन्टर के रूप में प्रयोग किये जाने वाले इन कोचों में मरीजों को राज्य सरकार द्वारा आवश्यकता पडऩे पर रखा जायेगा। यद्यपि अभी ऐसी आवश्यकता की स्थिति उत्पन्न नही हुई है किन्तु भविष्य में ऐसी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए साफ.सफाई एवं डिस्इंफेक्शन के उपरान्त इन कोचों वाली गाडिय़ों को पूर्वोत्तर रेलवे के नामित 04 स्टेशनों पर मांग के अनुसार खड़ा किया जा चुका है। इन रेकों को स्टेशन पर पृथक रूप से चिन्हित किये गये प्लेटफार्म पर खड़ा किया गया है तथा उपयोग के दौरान आवागमन हेतु अलग से प्रवेश तथा निकास की सुविधा प्रदान की जाएगी। आम जनता एवं रेल यात्रियों के लिए उपरोक्त प्लेटफार्म पर आवागमन निषिद्ध रहेगा। मंडल प्रशासन द्वारा उपरोक्त प्रत्येक स्टेशन पर नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है जो संबंधित जनपद के मु य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित करेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में संबंधित जनपदों के मु य चिकित्साधिकारियों एवं नोडल रेलवे अधिकारियों द्वारा स्टेशन पर खड़ी रेलवे कोच कोविड केयर की रेकों का संयुक्त निरीक्षण किया जा चुका है। उक्त जानकारी देते हुए एनईआर के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक रेक में कुल 12 कोच लगाये गये है। कोच की स्टैण्डर्ड संरचना में 10 कोच कोविड केयर सेन्टर, एक सेकेण्ड एसी कोच एवं एक एसएलआर लगाया गया है। एक कोच में मरीजों के लिये 08 केबिन बनाये गये है। पारदर्शी प्लास्टिक परदों से युक्त, प्रत्येक कोच में बने आइसोलेशन वार्ड में पहला केबिन चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए जिसमें मरीजों के लिए अक्सीजन की सुविधा, दवाएं, उपकरण आदि उपलब्ध रहेगें तथा बाकी आठ केबिन रोगियों के लिए तैयार किये गये है। आइसोलेशन वार्ड में भारतीय शैली के शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया गया है। मच्छरों के प्रवेश से बचने के लिए मच्छरदानी उपलब्ध कराई गयी है तथा उचित वेंटिलेशन भी दिया गया है। प्रत्येक केबिन में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा एवं खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ के निस्तारण हेतु फुट पैडल आपरेटेड ढक्कनदार तीन अलग अलग डस्टबिन लाल, नीला, पीला प्रदान किये गये है। आवश्यकता पडऩे पर मरीजों को उच्चतर इलाज हेतु स बद्ध कोविड हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया जायेगा। रेलवे प्रशासन इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के सहयोग के लिये प्रतिबद्व है।

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