घटना के बारे में जानकारी विभागीय वेबसाइट एवं दूरभाष पर दी जा सकती है

लखनऊ(लाइवभारत24)। प्रदेश सरकार ने जनपद कानपुर नगर में घटित घटना की जांच के संबंध में तीन सदस्यीय विशेष अनुसंधान दल का गठन किया है। गठित समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी तथा अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उप महानिरीक्षक जे रविन्दर गौड़ को सदस्य बनाया गया है। यह समिति अपनी जांच पूर्ण करके 31 जुलाई तक जांच आ या शासन को उपलब्ध करायेगी। इस घटना के संबंध में 09 बिन्दुओ पर जांच की जायेगी। पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आये कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित है उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी, इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु कृत कार्यवाही क्या पर्याप्त थी़। इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी, मुअसं 65=2020 के आलोक में जमानत निरस्तीकरण की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर द्वारा तथा जिला के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गयी व पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी इसका विस्तृत परीक्षण करना। विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही। अभियुक्तों पिछले 01 वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करना एवं उसके संपर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कड़ी कार्यवाही करनें की अनुशंसा करना। घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थानें में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। इस तथ्य को भी जांच करना एवं दोषी यदि कोई हो तो चिन्ह्ति करना। विकास दुबे एवं उसके साथियों के पास शस्त्र लाइसेंस एवं शस्त्र होना ज्ञात हुआ है। यह देखा जाना होगा कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी इनका हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करनें के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा। अभियुक्तों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाये करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी है। अभियुक्तों द्वारा क्या सरकारी तथा गैरसरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है। इस प्रकरण के अभियुक्तों व उनके साथियों के साथ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता तथा अभियुक्तों व उनके फाइनैन्सर्स की संपत्तियों व आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग से कराने पर भी विशेष अनुसंधान दल द्वारा अभिमत उपलब्ध किया जाय। इस जाँच की कार्यवाही अपर मुख्य सचिव के कार्यालय कक्ष सं 401 चतुर्थ तल, बापू भवन सचिवालय लखनऊ में संपादित की जायेगी तथा जाँच हेतु घटना से संबंधित अभिलेख, कथन व साक्ष्य उपलब्ध कराने हेतु जनसामान्य, जनप्रतिनिधि, इत्यादि द्वारा पत्र व्यवहार हेतु उक्त पता ई.मेल एवं एसआईटी के दूरभाष सं. 0522.2214540 का उपयोग करके कार्यालय में प्रवेश किया जा सकता है। इसके साथ ही व्यक्तिगत रूप से मिलकर साक्ष्य आदि उपलब्ध कराने हेतु 20 से 24 जुलाई 2020 तक उक्त इंगित कार्यालय में अपरान्ह 12 बजे से अपरान्ह 02 बजे के मध्य संपर्क किया जा सकता है।

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