नई दिल्ली(लाइवभारत24)। मोदी सरकार ने काउंटर ड्रोन पॉलिसी बनाने पर काम शुरू कर दिया है। जम्मू एयरबेस पर ड्रोन अटैक के बाद लगातार दो दिन ड्रोन एक्टिविटी के बाद मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई एक हाईलेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया। बैठक में पूरे जम्मू और पंजाब इलाके में काउंटर ड्रोन सिस्टम की स्थायी तैनाती की जरूरत पर बात हुई। मीटिंग में इस स्ट्रैटजी पर बात हुई कि ड्रोन के जरिए होने वाले आतंकी हमलों को कैसे रोका जाए। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए। जम्मू क्षेत्र में पिछले तीन दिन में तीन बार ड्रोन एक्टिविटी देखी गई है। सबसे पहले शनिवार रात जम्मू एयरबेस पर ड्रोन अटैक हुआ। इसमें एयरफोर्स के 2 जवानों को हल्की चोटें आई और एक बिल्डिंग की छत को नुकसान हुआ। इसके बाद रविवार की रात को भी जम्मू के कालूचक मिलिट्री बेस पर ड्रोन नजर आया। फिर सोमवार देर रात सुंजवान मिलिट्री स्टेशन के पास संदिग्ध ड्रोन दिखा। तीन दिन के भीतर तीन बार ड्रोन एक्टिविटी से सरकार सतर्क हो गई है।
मंगलवार को पीएम की हाईलेवल मीटिंग में जिस काउंटर ड्रोन पॉलिसी पर बात हुई इसमें अपनाए जाने वाले मॉडल को भी बताया गया। इस मॉडल में रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) डिटेक्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड कैमरा, रडार, ड्रोन कैचिंग नेट, GPS स्पूफर्स, लेजर और RF जैमर का इस्तेमाल किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी को डील करने के लिए भारतीय वायुसेना नोडल एजेंसी की तरह काम करेगी। सरकार चाहती है कि भविष्य में ड्रोन हमलों से निपटने की कोशिशों को एयरफोर्स को-ऑर्डिनेट करे। काउंटर ड्रोन से निपटने की तकनीक में देश की टेक इंटेलीजेंस एजेंसी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की मदद भी ली जाएगी।
उधर सीमा सुरक्षा बल (BSF) को भी एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलने वाला है जो उड़ने वाली संदिग्ध वस्तुओं या मानव रहित विमानों (यूएवी) का का पता लगाने और तेजी से रिएक्ट करने में सक्षम होगा। वहीं सेना को पहले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ड्रोन खरीदने की मंजूरी दे दी गई है, जिन्हें जम्मू जैसे हमलों के दौरान तैनात किया जा सकता है।