मॉनसून सत्र में पेश हो सकते हैं 31बिल

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। देश में संसद का मानसून सत्र आज से शुरु हो गया। सबसे पहले नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इसके बाद मोदी नए मंत्रियों का परिचय देने खड़े हुए, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के 8 मिनट बाद ही विपक्ष का शोर-शराबा शुरू हो गया। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई, तो विपक्ष के सांसदों ने हंगामा और नारेबाजी की। इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

हंगामे पर मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, ​आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता, लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी,​ किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।’
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से सदन में शांति बनाए रखने की अपील की। संसद के बाहर PM ने मीडिया से कहा, ‘मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे तीखे से तीखे सवाल पूछें, बार-बार सवाल पूछें, लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जानकारी देने का मौका भी दें।’

मोदी ने कहा कि सदन में चर्चा सार्थक हो, परिणामकारी हो। इससे जनता-जनार्दन को भी जानकारी मिलती है। देश की गति भी तेज होती है। देश की जनता जो जवाब चाहती है, वो जवाब देने की सरकार की पूरी तैयारी है।’
प्रधानमंत्री ने सभी से कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील भी की। उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि आप सब को वैक्सीन का एक डोज लग गया होगा, लेकिन मेरी आप सब से प्रार्थना है कि सदन में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में सहयोग दें। ये वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लगती है, तो आप बाहुबली बन जाते हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए बाहुबली बनने का यही तरीका है कि आपके बाहु पर वैक्सीन लगवा लीजिए।’

मोदी ने कहा कि अब तक 40 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं। आगे भी यह काम तेजी से किया जा रहा है। यह ऐसी महामारी है जिसने पूरे विश्व और मानव जाति को अपनी चपेट में लिया है।
मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि सदन में महामारी समेत सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो। सारे सुझाव भी सांसदों से मिलें, इससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नयापन आ सकता है। कुछ कमी रह गई हो, तो उन्हें ठीक किया जा सकता है।’ मैंने सभी फ्लोर लीडर्स से भी चर्चा की है कि अगर वे कल (मंगलवार) शाम को समय निकालें तो उनसे पेंडेमिक के बारे में चर्चा करना चाहता हूं। मैं लगातार अलग-अलग मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर रहा हूं। इसलिए सदन जब चल रहा है, तो इस पर बात करने में आसानी होगी।
मॉनसून सत्र में 31 बिल पेश हो सकते हैं
इस सत्र में 2 फाइनेंशियल सहित कुल 31 बिल पेश किए जा सकते हैं। यह सत्र 13 अगस्त तक चलना है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी लोकसभा में किसान कानून के खिलाफ स्थगन का प्रस्ताव देंगे। सरकार की कोशिश है कि सेशन हंगामे की भेंट न चढ़े, क्योंकि विपक्ष किसान आंदोलन और कोरोना के बहाने सरकार को घेरने की तैयारी में है। रविवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में मोदी ने कहा कि सरकार संसद में सार्थक चर्चा के लिए तैयार है।

20 जुलाई को कोरोना पर बोलेंगे प्रधानमंत्री
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 20 जुलाई को पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे कोरोना पर बोलेंगे। विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने इसे संसद के मानदंडों का दरकिनार करने की कोशिश बताया। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री को हाउस में बोलना चाहिए।

विपक्षी दलों के सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने जोशी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। कुछ ने सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों की जॉइंट मीटिंग का भी सुझाव दिया। CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पार्टी की हमेशा से यही स्थिति रही है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो तो सरकार को जो कुछ भी कहना है, वह सदन के पटल पर ऐसा कर सकती है।
येचुरी ने कहा कि सरकार के लिए ऐसा करना सही नहीं है। संसद का सत्र चल रहा हो तो सरकार जो भी बात रखनी हो उसे संसद के अंदर ही करना होता है। वहीं, ओ ब्रायन ने दावा किया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश मिश्रा सहित बैठक में मौजूद सभी विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर संबोधन का सुझाव खारिज कर दिया। बैठक में 33 दलों के नेता शामिल हुए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र से पहले रविवार को लोकसभा में पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सेशन कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक चलेगा। इस दौरान छोटी पार्टियों को भी भरपूर समय दिया जाएगा। पिछली बार सभी दलों की मदद से 122% काम हुआ था।

नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इस मसले पर उनकी दिल्ली पुलिस के साथ रविवार को बैठक हुई। इसके बाद किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी।
वहीं अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सभी पार्टियों ने कहा है कि किसान आंदोलन बड़ा मुद्दा है। इसे हल किया जाए। सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने मानसून सत्र के दौरान किसानों के संसद घेराव के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के 7 मेट्रो स्टेशन (जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, उद्योग भवन) पर ज्यादा निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद करने के लिए पत्र लिखा है।

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