प्राकृतिक फोटोग्राफी की एक अनकही कहानी, नेचर लवर्स की जुबानी…

लखनऊ (लाइव भारत 24)। प्रकृति की सुंदरता से हर कोई प्रेम करता है। करें भी क्यों नहीं, आखिर प्रकृति ने अपने खजाने में नदी, झरने, फल, फूल जैसे अनमोल उपहार जो सजा रखे हैं। जिन्हें वह बिना किसी भेदभाव के धरती के हर प्राणी को खुले दिल से बिल्कुल फ्री सौंपती है। उसके अनमोल खजाने में जो सबसे कीमती उपहार है, वह है ऑक्सीजन, जिसकी जरूरत और अहमियत आज कोविड-19 से लड़ रहे तमाम मरीजों को समझ आ रही है। 15 जून को नेचर फोटोग्राफी डे मनाया जाता है। इस मौके पर प्रकृति प्रेमी और प्राकृतिक नजारों को अपने कैमरे में कैद करने वालीं नेचर फोटोग्राफर अक्षिता सरन और पूर्णेंदु लखन ने लाइव भारत 24 को भेजे अपने विचार और कुछ नेचर फोटोग्राफ।

 ‘प्राकृतिक फोटोग्राफी करती है मन को शांत’

नेचर फोटोग्राफर अक्षिता सरन कहती हैं, मैं आज आपको अपनी प्राकृतिक फोटोग्राफी की एक अनकही कहानी बताने
जा रही हूं। प्राकृतिक फोटोग्राफी मेरे हिसाब से एक ऐसी फोटोग्राफी है जो हमारे मन को शांत करती है और हमें प्रकृति के और पास ले जाती है।

नेचर फोटोग्राफर अक्षिता सरन

जब से यह लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी हम सभी अपने घरों में मानो बंद से हो गए थे और बाहर जाना खतरे से खाली नहीं था। इसी बीच मैंने सोचा कि हमें बाहर जाने की जरूरत ही क्या है, जब प्रकृति और उसके सुंदर नजारे हमारे घर के आस पास मौजूद हैं। बस हमारे पास उसे देखने का नजरिया होना चाहिए। और, इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह बिल्कुल मुफ्त है और कोई भी, कभी भी नेचर फोटोग्राफी कर सकता है। मेरा यही प्रयास रहेगा कि मैं अपनी तस्वीरों से लोगों को प्रकृति की सुंदरता दिखाती रहूं और लोग इसकी सराहना करते रहें।

 जीव-जंतुओं और प्रकृति ने किया प्रेरित :

नेचर फोटोग्राफर, पूर्णेंदु लखन

पूर्णेंदु लखन, नेचर फोटोग्राफर कहते हैं, मुझे प्रकृति हमेशा से ही आकर्षित करती रही है। ख़ासकर बर्ड्ज़ सनराइज़ सनसेट और वन्य जीव। हालांकि, बहुत समय नहीं मिल पाता, मगर वीकेंड्ज़ पर अपना यह शौक़ पूरा करता हूं। डिस्कवरी, नेशनल ज्यॉग्रेफिक मेरे फ़ेवरेट चैनल हैं। चैनल ने वाइल्ड और जीव-जंतुओं की सुंदर दुनिया से मेरा परिचय कराया और मैं नेचर फोटोग्राफी के लिएप्रेरित हुआ।

3 कमेंट

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें