नई दिल्ली (लाइवभारत24)। गुजरात में भाजपा लगातार 7वीं बार सरकार बना रही है। इस जीत के बाद जनता और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने दिल्ली के BJP हेड ऑफिस में PM नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनता जनार्दन के सामने नतमस्तक हूं, ये जनादेश अभिभूत करने वाला है। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर आपके स्नेह का साक्षी है।
मोदी ने कहा कि चुनावों के दौरान मैंने गुजरात की जनता से कहा था, इस बार नरेंद्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। मैंने वादा किया था कि भूपेंद्र नरेंद्र का रिकॉर्ड तोड़ें, इसके लिए मैं जी जान से कोशिश करूंगा। जनता ने गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर नया इतिहास रच दिया है। ढाई दशक से लगातार सरकार में रहने के बावजूद ऐसा प्यार अभूतपूर्व है। लोगों ने जाति-वर्ग आदि विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया।
पीएम ने कहा कि इस चुनाव में वोट देने वाले एक करोड़ से भी ज्यादा ऐसे वोटर्स थे, जिन्होंने कांग्रेस का कुशासन नहीं देखा, सिर्फ भाजपा की ही सरकार देखी। युवा सवाल पूछना जानते हैं। युवा तभी वोट देते हैं, जब उन्हें भरोसा दिखता है, जब उन्हें काम दिखता है। युवाओं ने भाजपा को वोट देकर संदेश दिया है कि युवाओं ने हमारे काम को जांचा-परखा और उस पर भरोसा किया।
मोदी बोले- युवा भाजपा की विकास वाली योजनाएं चाहते हैं। युवाओं को न जातिवाद चाहिए न परिवारवाद। युवाओं का दिल विजन और विकास से ही जीता जा सकता है। जब महामारी के घोर संकट के बीच बिहार में चुनाव हुए थे, तब जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। महामारी के बाद यूपी समेत तमाम राज्यों में चुनाव हुए तब भी जनता ने भाजपा को चुना। आज जब भारत विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, तब जनता का भरोसा भाजपा पर है।
उन्होंने कहा कि मैं बड़े-बड़े एक्सपर्ट को याद दिलाना चाहता हूं कि विकसित गुजरात से विकसित भारत का निर्माण। गुजरात के नतीजों ने सिद्ध कर दिया है कि देश के सामने जब कोई चुनौती होती है तो जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। देश पर कोई संकट आता है तो जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। देश बड़े लक्ष्य तय करता है तब जनता का भरोसा भाजपा पर होता है।
पांच-पांच पीढ़ियों की तपस्या से यहां तक पहुंचे मोदी ने कहा कि हम जहां पहुंचे हैं, ऐसे ही नहीं पहुंचे। पांच-पांच पीढ़ियां जनसंघ के जमाने से तपस्या करते हुए परिवार के परिवार खपते रहे। तब जाकर हम यहां पहुंचे हैं। भाजपा के लिए लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपा दिया है। व्यक्तिगत सुख, आकांक्षाएं, खुशी को तिलांजलि देकर भाजपा का कार्यकर्ता समाज और देश को सशक्त करने में जुटा रहता है।
भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की अथाह संगठन शक्ति पर भरोसा करके अपनी रणनीति बनाती है और सफल होती है। उतार-चढ़ाव हमारे राजनीतिक जीवन में आए हैं, लेकिन हमने आदर्शों और मूल्यों पर अडिग रहकर दिखाया है।
पिछले आठ वर्षों में कार्य और कार्यशैली का बदलाव आया है। हमने गरीबों के लिए घर, शौचालय, सिलेंडर जैसी मूल सुविधाएं जुटाईं। आज जो भी सरकारी लाभ है, वह हर वर्ग के हकदार तक तेजी से पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। पूरा का पूरा पहुंचे, इसके लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। किस वर्ग या समुदाय में कितने वोट हैं, इस आधार पर हम सरकार नहीं चलाते। इसके हमें सकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं।
बड़े-बड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत में गरीबी कम हो रही है। देश ने पिछले आठ वर्षों में गरीबों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही, संसाधनों का विकास भी किया है।
हमारी घोषणा के पीछे रोडमैप होता है
हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते। हमारी हर घोषणा के पीछे एक रोडमैप होता है। देश आज शॉर्टकट नहीं चाहता। देश का मतदाता इतना जागरूक है, क्या उसके हित में है क्या उसके अहित में है, वह सब जानता है। वह शॉर्टकट की राजनीति का नुकसान जानता है। देश समृद्ध होगा तो सबकी समृद्धि तय है। हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अकूत ज्ञान थाा। हमारे पूर्वजों ने आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया वाली कहावत दी है।
अगर यह वाला हिसाब होगा तो इसका क्या हाल होगा, यह हम अपने अड़ोस-पड़ोस में देख रह हैं। देश के सभी राजनीतिक दलों को सोचना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं होगा।
हमारा भविष्य फॉल्ट लाइन को गिराकर ही उज्ज्वल
समाज के बीच खाई खोदने वालों को जनता देख भी रही है और समझ भी रही है। हमारा भविष्य फॉल्ट लाइन को गिराकर ही उज्ज्वल होगा। लड़ने के लिए सैकड़ों वजहें हो सकती हैं, लेकिन जुड़ने के लिए एक वजह काफी है, वो है हमारा भारत। जीने के लिए और मरने के लिए इससे बड़ी वजह और कोई नहीं हो सकती है। इसलिए हमें इंडिया फर्स्ट की भावना के साथ आगे बढ़ना है।
देश के सभी वर्गों की पहली पसंद आज भाजपा है। गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों का खूब आशीर्वाद मिला है। एससीएसटी की 40 में से 34 सीटें भाजपा ने जीती हैं। आदिवासी भाजपा को अपनी आवाज मान रहे हैं। दशकों तक जिन आदिवासियों को नजरअंदाज किया गया। हम लगातार उनकी उम्मीदें पूरी करने में जुटे हैं।
भाजपा ने आदिवासी कल्याण के लिए बजट बढ़ाया और उनके विकास को गति दी। हम देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम बनाकर उन्हें सम्मान दे रहे हैं।
अगर कोई ईमानदारी से आत्म चिंतन करे तो आजादी के बाद से पहली बार आज देश में पहली ऐसी सरकार है जो महिलाओं की समस्याएं और जरूरतें समझने का प्रयास कर रही है और उनके लिए योजनाएं बनाने का काम कर रही है। हर महिला के लिए जितना भाजपा सरकार ने किया, उतना किसी ने नहीं किया। भाजपा के सात-आठ साल के काम अन्य सरकारों के पचास साल के काम से ज्यादा ज्यादा हैं।
महिलाओं के मुद्दे हमारे लिए चुनावी मुद्दे नहीं हैं। हमारे लिए संकल्प हैं। हमें महिला सशक्तिकरण के लिए इतना कुछ करने का मौका देश की जनता ने दिया है। आने वाला समय हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करना है। आइए हम विकसित भारत के अभियान में जुड़ें।
इन चुनावों में बहुत लोगों को जानने पहचानने का अवसर मिल चुका है। जो लोग खुद को न्यूट्रल कहते हैं, उनके बारे में देश को जानना जरूरी है। हिमाचल, उत्तराखंड में कितने लोगों की जमानतें जब्त हुईं, उन लोगों को भी जानना चाहिए। राजनीति में सेवा भाव से एक सेवक की तरह काम करना जैसे डिस्क्वालिफिकेशन माना जा रहा है। हमारे गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल दो लाख वोटों से जीते हैं, ये बड़ी बात है, लेकिन ठेकेदारों का तराजू कुछ और है। इसलिए हमें अपनी सहन शक्ति और समझ शक्ति को बढ़ाकर आगे बढ़ना है।
2002 के बाद मेरे जीवन का कोई ऐसा पल नहीं रहा, जिसकी धज्जियां न उड़ाई गई हों, लेकिन मैं खुद में बदलाव लाता गया, सीखता गया। आलोचनाओं ने भी हमें खूब सिखाया। हमें अपनी शक्ति को बढ़ाना है। कठोर से कठोर, झूठे आरोपों को सहन करने वाला बनाना है। जुल्म बढ़ने वाला है, मुझ पर भी आप पर भी, क्योंकि ये हार नहीं पचा पाएंगे। हमें अपनी सहन शक्ति बढ़ाना है। 2047 में जब हम आजादी के सौ साल मनाएंगे, तब हम अपने युवाओं के हाथों में विकसित भारत देकर जाएंगे।
मैं हिमाचल के हर मतदाता का भी आभारी हूं। हिमाचल के चुनाव में एक प्रतिशत से भी कम पर हार जीत का फैसला हुआ है। इतने कम अंतर से हिमाचल में कभी परिणाम नहीं आए हैं। हिमाचल में हर पांच साल में सरकारें बदली हैं, लेकिन हर बार जीत हार में 5-6 प्रतिशत तक का अंतर रहा है। इस बार एक प्रतिशत से भी कम का अंतर जनता का प्यार दिखाता है। भाजपा भले ही हिमाचल में एक प्रतिशत से कम रह गई, लेकिन विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता शत प्रतिशत रहेगी।
मैं चुनाव आयोग का भी आभार व्यक्त करता हूं। एक भी पोलिंग बूथ पर रीपोल कराने की नौबत नहीं आई है। मतलब कि सुख और शांति पूर्वक से लोकतंत्र की मूल भावना को स्वीकार करते हुए मतदाताओं ने ताकत दी है। इसके लिए चुनाव आयोग को बधाई।
बीजेपी को मिला जनसमर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऐसे समय में आया है, जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर गया है। यह दिखाता है कि आने वाले 25 साल सिर्फ विकास की राजनीति के है। भाजपा को मिला समर्थन नई आकांक्षाओं और युवा सोच का प्रतीक है।
लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा ने हर सुविधा को हर परिवार तक जल्द से जल्द पहुंचाया। भाजपा देश के हित में बड़े से बड़े और कड़े से कड़े फैसले लेने का दम रखती है। परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआक्रोश लगातार बढ़ रहा है। मैं इस बात को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए साकार रूप में देखता हूं।
सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में गुजरात, हिमाचल और दिल्ली चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा- मोदी के नेतृत्व में हमें गुजरात में रिकॉर्ड जीत मिली है। यह विकासवाद की जीत है। गरीब के घर दो वक्त की रोटी की व्यवस्था, बिजली, शौचालय, सिलेंडर की व्यवस्था करने की नीति ने हमें जीत दिलाई।
उन्होंने केजरीवाल का नाम लिए बिना AAP पर हमला बोला। नड्डा ने कहा कि एक नई पार्टी गुजरात का अपमान करने आई। वह एक पर्चा लेकर आए और भविष्यवाणी करने लगे कि उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। जनता को गुमराह करने वाले लापरवाह नेताओं को गुजरात की जनता से माफी मांगनी चाहिए। आजाद भारत में एक भी नेता ऐसा नहीं आया जो बोर्ड लेकर चलता हो कि मैं कट्टर ईमानदार हूं। ये कट्टर बेईमान हैं।
कांग्रेस से बड़ी जीत भाजपा के नाम
गुजरात विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के नाम था। पार्टी ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 150 का आंकड़ा पार करते ही सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मोदी के CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। नतीजों में यही नजर आया।