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कोरोना राहत फंड पर आया सुप्रीम कोर्ट फैसला

राहुल गांधी के ओछे मंसूबे नाकाम हुए: भाजपा

जेपी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष

नईदिल्ली(लाइवभारत24)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पीएम केयर्स फंड के मामले में फैसला सुनाया। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा, ‘पीएम केयर्स फंड का पैसा नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने का आदेश नहीं दे सकते। ये दोनों अलग-अलग फंड हैं। कोई व्यक्ति एनडीआरएफ में कंट्रीब्यूशन देना चाहे तो उस पर पाबंदी नहीं है। नई आपदा राहत योजना की भी जरूरत नहीं है।’ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) एनजीओ ने इस मामले में पिटीशन लगाई थी। सीपीआईएल का कहना था, ‘पीएम केयर्स फंड बनाकर सरकार ने आपदा प्रबंधन कानून की अनदेखी की है। आपदा प्रबंधन के लिए किसी भी व्यक्ति या संस्था से दान में मिलने वाली रकम नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) के खाते में ही जानी चाहिए। पीएम केयर्स फंड में जो भी रकम मिली है, उसे एनडीआरएफ में ही ट्रांसफर किया जाए। कोरोना से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत नई योजना बनाकर नोटिफाई की जाए।
भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के ओछे मंसूबों को धक्का लगा है। कांग्रेस और उससे सहयोगियों की ओछी हरकतों के बावजूद सच्चाई की जीत हुई है। राहुल गांधी और कांग्रेस ने भी पीएम केयर्स फंड बनाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री डोनेशन देने वालों के नाम बताने से डरते क्यों हैं? इस फंड का ऑडिट क्यों नहीं करवाया जाता?
सरकार ने 28 मार्च को पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर यह फंड बनाया था। इसका मकसद कोरोना जैसी इमरजेंसी से निपटने के इंतजाम करना था। कोरोना काल में कॉरपोरेट से लेकर इंडिविजुअल तक ने इस फंड में डोनेशन दी।
सीपीआईएल एनजीओ का कहना था कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 46 के तहत नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड में दान की रकम जमा करने की व्यवस्था है, तो फिर कोरोना से लड़ाई के लिए मिलने वाली डोनेशन पीएम केयर्स फंड में जमा क्यों करवाई जा रही है? पीएम केयर्स फंड का कैग से ऑडिट भी नहीं करवाया जा रहा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस फंड पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि इस फंड में डोनेशन देने वालों का नाम बताने से प्रधानमंत्री क्यों डरते हैं?
सरकार ने 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था। उसका कहना था कि कोरोना से राहत के कामों के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया गया था। पहले भी ऐसे कई फंड बनाए जाते रहे हैं। एनडीआरएफ जैसा संवैधानिक फंड होने का मतलब यह नहीं है कि वॉलेंटरी डोनेशन के लिए पीएम केयर्स जैसे दूसरे फंड नहीं बनाए जा सकते। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि पीएम केयर्स फंड बनाने का मकसद एनडीआरएफ को फेल करना नहीं था।

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