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डायरेक्ट सेलिंग की औपचारिक शिक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट को समर्थन देने आगे आई वेस्टीज

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। भारत की अग्रणी घरेलू डायरेक्ट सेलिंग कंपनी वेस्टीज मार्केटिंगप्राइवेट लिमिटेड ने हिमाचल प्रदेश के एक अग्रणी शूलिनी विश्वविद्यालय के साथ गठजोड़ की घोषणा की है। शिक्षा के एक डायनामिक और इनोवेशन बेस्ड सेंटर के तौर पर शूलिनी विश्वविद्यालय को 2009 में प्रमुख शिक्षाविदों और पेशेवरों ने स्थापित किया था। यह रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले अनूठे मॉडल पर काम करने वाला मल्टी डिसिप्लिनरी निजी विश्वविद्यालय है। यहां स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की शिक्षा उपलब्ध है। एमएचआरडी एनआईआरएफ की ओर से इसे लगातार भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है। यह भारत में सर्वाधिक पेटेंट और इनोवेशन वाले संस्थानों में से एक है, जो रिसर्च आउटपुट के मामले में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के समकक्ष है।

एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दोनों संस्थानों ने गठजोड़ कियाहै, जिसके तहत डायरेक्ट सेलिंग पर एक औपचारिक पाठ्यक्रम की पेशकश की जाएगी। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ते उद्योग को लेकर युवाओं के मस्तिष्क को सशक्त करना है। डायरेक्ट सेलिंग कोर्स को औपचारिक रूप देने से युवाओं को इस उद्योग से परिचित कराते हुए सीखने और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।

देशभर में लाखों वितरकों के व्यापक नेटवर्क और कई देशों में उपस्थिति के साथ वेस्टीज भारत के युवाओं में उद्यमशीलता की बढ़ती भावना और कौशल विकास की आवश्यकता को महसूस करती है। वेस्टीज ने उद्योग के विकास पर फोकस किया है। कंपनी ने देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए डायरेक्ट सेलिंग को पसंदीदा विषय के रूप में औपचारिक रूप देने की जरूरत को पूरा करने के लिए यह विशेष पेशकश की है। यह पहल उद्योग में रेगुलेटरी प्रक्रियाओं में एकरूपता लाएगी और खासकर टियर- II और टियर- III शहरों और कस्बों मेंआजीविका के अवसर पैदा करेगी।

वेस्टीज मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशकगौतम बाली ने कहा, “बड़ी युवा आबादी भारत के सबसे अमूल्य संसाधनों में से एक है। उन्हें प्रशिक्षण, कौशल और फाइनेंशियल फ्रीडम के रास्ते पर पहुंचाने से देश की अर्थव्यवस्था में चमत्कारिक संभावनाओं के द्वार खुल सकते हैं। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को औपचारिक रूप देने और इसे शिक्षा की मुख्यधारा में लाने की दिशा में हमारे फोकस ने हमें शूलिनी विश्वविद्यालय से गठजोड़ के लिए प्रेरित किया। हमें इस गठजोड़ का हिस्सा बनने पर गर्व है। हमें यह भी उम्मीद है कि यह पहल कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देगी, जिससे कई लोगों के लिए एक स्थायी आय का साधन बनेगा और पूरा उद्योग भी लाभान्वित होगा।”

राष्ट्रीय विकास के लिए युवाओं के कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ. कमल कांत वशिष्ठ, निदेशक- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायरेक्ट सेलिंग इन एकेडमिक्स, शूलिनी विश्वविद्यालय ने कहा, “भारत दुनिया में सबसे बड़ी सक्षम कामकाजी आबादी वाले देशों में से एक है। यहां अभी रोजगार के अवसर में अंतर की भरपाई की जरूरत है। इस पहल को लेकर हमेशा से सहयोगी रही वेस्टीज के साथ साझेदारी की हमें खुशी है। साथ मिलकरहम अपने युवाओं को औपचारिक रूप से शिक्षितकरने, कुशल बनाने और प्रशिक्षित करने की उम्मीद करते हैं ताकि वे सूक्ष्म उद्यमियों की अगली पीढ़ी के रूप में तैयार हो सकें।”

कोरोना महामारी के इस दौर में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की कठिन परीक्षा हुई है और यह इस दौरान रोजगार के अवसर गंवाने वाले लाखों लोगों के लिए आजीविका का वैकल्पिक एवं प्राथमिक स्रोत बनकर सामने आया है और लोगों को पुन: फाइनेंशियल फ्रीडम पाने का अवसर दिया है। इसने सभी आयु वर्ग के महिला/पुरुषों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं और एक स्थायी करियर संभावना के रूप में उभरा है।

डायरेक्ट सेलिंग क्षेत्र युवाओं के लिए आशाजनक है, क्योंकि यह जॉब मार्केट की अनिश्चितता से प्रभावित हुए बिना उनके लिए प्रभावी तरीके से उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर पैदा करता है। यह भारत में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने, महिलाओं को सशक्त बनाने, लोगों को कुशल बनाने और आय के अवसर पैदा करते हुए अर्थव्यवस्था को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।

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