लखनऊ (लाइवभारत24)। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमलावर नजर आए। योगी ने कहा- “नेता प्रतिपक्ष को बताना चाहूंगा कि आज गोबर से अगरबत्ती, धूपबत्ती भी बनती है। अगर पूजा करते तो जरूर जलाते। नेता प्रतिपक्ष अगर गोसेवा करते होते तो भाषण में भी दिखाई देता, लेकिन शायद भैंस वाले दूध का असर भाषण पर ज्यादा दिखाई दिया। गाय का कम दिखाई दे रहा है।”
योगी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा- “नेता प्रतिपक्ष ने एक बात कही थी कि उन्होंने अपने समय में एक स्कूल का दौरा किया था। बच्चों से पूछा मैं कौन हूं, तो बच्चे ने कहा- राहुल गांधी। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उसने सोच-समझकर ही कहा होगा। फर्क बहुत ज्यादा नहीं है। इतना है कि राहुल गांधी देश के बाहर देश की बुराई करते है और आप क्क के बाहर क्क की बुराई करते हैं।
योगी ने कहा- “नेता प्रतिपक्ष उस दिन ऐसे मुद्दे पर आ गए जिसका बजट से संबंध नही था। ऐसी बातें बोल रहे थे जिसका खामियाजा प्रदेश अतीत में भुगत चुका है। ऐसे में दुष्यंत कुमार की पंक्तियां याद आ गईं- “कैसे मंजर सामने आने लगे हैं और गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं…।”
योगी ने कहा- “नेता प्रतिपक्ष भाषण में एक तरफ किसान की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू आ रही थी। टीम क्क के रूप में सामूहिक प्रयास हुए। उत्तर प्रदेश के बारे में दुनिया में लोगों का विश्वास बढ़ा है।
योगी ने कहा- “मजबूत इरादों के दम पर कोरोना को भी उत्तर प्रदेश से दुम दबाकर भागना पड़ा। पिछली सरकारें परिणाम नहीं दे पाईं। फर्क साफ है। आप समस्या के बारे में सोचते हैं। हम समाधान के बारे में सोचते हैं। समस्या के बारे में दस बहाने मिल जाते हैं। समाधान में दस रास्ते मिल जाते हैं। यही फर्क साफ है। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। उत्तर प्रदेश का पहला बजट १९४७ में जब आया तो वो कुल १०३ करोड़ का था। उस समय प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय २५९ रुपए थी। प्रदेश की त्रष्ठक्क १,६२८ करोड़ थी। इसके बाद से देश ने एक लंबी यात्रा तय की। ७५ वर्षों में हम खो गए। ७० वर्षों में यूपी को कहां ले गए।”
योगी के तंज पर अखिलेश यादव ने कहा- नेता सदन ने बजट के बारे में गलत जानकारी दी। पहला बजट १९५२ में आया था। मुझे आपको यह बताना था कि पिछले ५ साल में आपने क्या किया, आपके पेश किए बजट पर चर्चा होनी है। आपने २२ मंत्री हटाए, इसीलिए तो हटाए कि वे अपने विभाग का पैसा खर्च नहीं कर पाए। तो, उस गैप को बताना चाहिए। आपके कितने विभाग पैसा नहीं खर्च कर पाए।