बच्चों के कैंसर के इलाज के लिए बनी डेडिकेटेड यूनिट, ल्यूकेमिया रोगियों का भी होगा उपचार

लखनऊ । अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चाइल्ड हुड कैंसर अवेयरनेस मंथ में ऑन्कोलॉजी के इलाज  हेमेटोलॉजी बोन मैरो ट्रांस प्लांट के लिए डेडिकेटेड यूनिट की शुरुआत की है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि अभी तक इन गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए मरीजों को दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था। इसके चलते पहले से महंगे इलाज का खर्च बढ़ जाता हैं। अपोलोमेडिक्स में इसके डेडिकेटेड यूनिट शुरु होने के बाद से अब लखनऊ में ही यह सुविधा उपलब्ध होने का दावा ही किया गया। प्रो (डॉ) अर्चना कुमार ने बताया, रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हर 50 हजार बच्चों में से 3 से 4 बच्चे, इसकी चपेट में आते हैं। इन बच्चों के इलाज के लिए अलग जरूरत होती हैं। बच्चों में ल्यूकेमिया, हड्डी के कैंसर, विल्म्स ट्यूमर, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर जैसी घातक बीमारी तेजी से फैल रही हैं। मगर समय रहते इलाज मिल जाने से कैंसर से पीडि़त अधिकांश बच्चे ठीक हो जाते हैं और सामान्य रूप से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। शुक्रवार को इसके औपचारिक इनॉग्रशन पर अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ-एमडी डॉ. मयंक सोमानी ने बताया, अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की शुरुआत हो चुकी है। इसकी भ्व्क् प्रो. (डॉ) अर्चना कुमार होंगी, जो टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल-मुंबई, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन व यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजेल्स की एलुमनाई हैं। उनके पास क्लीनिकल विशेषज्ञता में पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमटोलॉजिकल डिसऑर्डर्स, क्लीनिकल हेमेटोलॉजी, ल्यूकेमिया यानी लिम्फोमा (पीडियाट्रिक और यंग एडल्ट्स), ब्रेन ट्यूमर, सॉलिड ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, हेपाटोब्लास्टोमा, बॉन एंड सॉफ्ट टिशूज सार्कोमा, विल्म्स ट्यूमर के इलाज का 38 से अधिक वर्षों का अनुभव है और वे इससे पहले पीडियाट्रिक हेमटोलॉजी ऑन्कोलॉजी, केजीएमयू-लखनऊ में प्रोफेसर व पीडियाट्रिक, इंचार्ज रह चुकी हैं।

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