लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में अब जमीन, मकान, दुकान आदि की रजिस्ट्री और विवाह का पंजीकरण करवाने में देर नहीं लगेगी। प्रदेश सरकार ने जनहित गारंटी अधिनियम-2011 की धारा-3 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए कुछ संशोधन किए हैं। राज्यपाल ने इन संशोधनों पर अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें सैनिक कल्याण विभाग के कार्यों में लगने वाले समय में भी बदलाव किया गया है।स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग में भार मुक्त प्रमाण पत्र (यानि पिछले 12 वर्षों में उक्त भू-सम्पत्ति बंधक तो नहीं हुई, किसी को बेची तो नहीं गई, विवादित तो नहीं है) हासिल करने के लिए उप निबंधक को आनलाइन आवेदन के बाद निर्धारित शुल्क जमा करने के एक हफ्ते में यह प्रमाण पत्र जारी करना होगा। अगर इस निर्धारित अवधि में प्रमाण-पत्र जारी नहीं होता है तो आवेदक की ओर से कोई अपील होती है तो प्रथम अपीलीय अधिकारी यानी सहायक महानिरीक्षक निबंधक इसे एक हफ्ते में निस्तारित करेंगे।
दूसरी अपील होने पर द्वितीय अपीलीय अधिकारी उप महानिरीक्षक निबंधक भी इसे एक सप्ताह में ही निस्तारित करेंगे। इसी क्रम में विवाह पंजीकरण के मामले में भी उ.प्र.विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 में भी बदलाव किया गया है। आनलाइन आवेदन के बाद दस्तावेजों के साथ पक्षकारों के रजिस्ट्री कार्यालय में उपस्थित होने की तारीख को ही विवाह पंजीकरण जारी कर दिया जाएगा। अगर उस दिन प्रमाण पत्र नहीं जारी हुआ और आवेदक ने इस मामले में कोई की तो उसे सहायक महानिरीक्षक निबंधक एक सप्ताह में निपटाएंगे। दूसरी बार अपील होने पर उप महानिरीक्षक निबंधक भी इसे *एक सप्ताह में ही निस्तारित करेंगे और सभी पक्षकारों के मौजूद होने पर ही जारी होगी रजिस्ट्री।

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