25.4 C
New York
Monday, 23rd \ June 2025, 03:42:21 PM

Buy now

spot_img

निर्जला एकादशी: निर्जल रहकर व्रत रखने की परंपरा

Loading...

livebharat24.com

  • ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का सबसे ज्यादा है महत्व

  •  सालभर की एकादशियों का मिलता है पुण्य

लखनऊ। मंगलवार, 2 जून को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। मंगलवार और एकादशी के योग में भगवान विष्णु के साथ ही हनुमानजी की भी पूजा करें। निर्जला एकादशी का महत्व सालभर की सभी एकादशियों से अधिक है। इस एक व्रत से सालभर की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य मिलता है।

क्यों कहते हैं भीमसेनी एकादशी

महाभारत की एक प्रचलित कथा के अनुसार भीम ने एकादशी व्रत के संबंध में वेदव्यास से कहा था मैं एक दिन तो क्या, एक समय भी खाने के बिना नहीं रह सकता हूं, इस वजह से मैं एकादशी व्रत का पुण्य प्राप्त नहीं कर संकूगा। तब वेदव्यास ने ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी के बारे में बताया। उन्होंने भीम से कहा कि तुम इस एकादशी का व्रत करो। इस एक व्रत से तुम्हें सालभर की सभी एकादिशियों का पुण्य मिल जाएगा। भीम ने इस एकादशी पर व्रत किया था, इसी वजह से इसे भीमसेनी एकादशी कहते हैं।

निर्जल रहकर व्रत करने का पर्व

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर निर्जल रहकर व्रत करने की परंपरा है। इस दिन जल भी ग्रहण नहीं किया जाता। अभी गर्मी का समय है। इस स्थिति में पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत करना तपस्या के समान रहता है। इस कठिन तप की वजह से ही निर्जला एकादशी श्रेष्ठ मानी गई है। इस व्रत से आयु, आरोग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ध्यान रखनी चाहिए ये बातें

निर्जला एकादशी पर पूरे दिन निर्जल रहना होता है। भगवान विष्णु की पूजा करें। मंगलवार और एकादशी के योग में हनुमानजी की भी पूजा जरूर करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। पूरे दिन व्रत करने के बाद अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर जल कलश का दान करना चाहिए। पूजा करें। इसके बाद भोजन ग्रहण करें।

कथा

महाभारत में पांडव पुत्र भीम के उदर में वृक नामक अग्रि थी, इसलिए उन्हें वृकोदर भी कहा जाता है। उनमें भोजन पचाने की शक्ति और भूख बहुत ज्यादा थी। सभी पांडव एकादशी का व्रत करते थे, लेकिन भीम नहीं कर पाते थे। तब वेदव्यास ने भीम को निर्जला एकादशी का महत्व बताया। भीम ये व्रत किया, इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।

 प्रस्तुति:
 अंजना द्धिवेदी
 बरेली (यूपी)

Loading...

Related Articles

1 कमेंट

कोई जवाब दें

कृपया अपनी कमेंट दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Stay Connected

0फॉलोवरफॉलो करें
0सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!