मॉस्को/कीव/वॉशिंगटन (लाइवभारत24)। दुनिया के बड़े देशों ने रूस को रोकने के लिए कोशिश तेज कर दी हैं। पिछले 24 घंटों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने रूस पर प्रतिबंध का ऐलान किया। इसके पहले रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों (लुहांस्क और डोनेट्स्क) को आजाद देश घोषित किया था। इस कदम के लिए रूस को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।

कनाडा ने गुरुवार सुबह रूस के बैंकों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। कनाडा के लोग लुहांस्क और डोनेट्स्क में किसी तरह का वित्तीय लेनदेन नहीं कर पाएंगे। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने पुतिन के शीर्ष सलाहकारों पर प्रतिबंध लगाया।पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा- पहले रूसी सुरक्षा परिषद के आठ सदस्यों की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। साथ ही वित्तीय और आर्थिक प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। यह प्रतिबंध ट्रांसपोर्ट, एनर्जी, टेली-कम्यूनिकेशन, तेल, गैस पर लगाए जाएंगे। पीएम मॉरिसन ने कहा- बहुत हद तक संभव है कि रूस अगले 24 घंटे के भीतर यूक्रेन पर हमला कर दे।

वहीं, जापान ने भी प्रतिबंध लगाया है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा- जापान दो यूक्रेनी विद्रोही क्षेत्रों से जुड़े लोगों को वीजा जारी करना भी निलंबित कर देगा। जापान में उनकी संपत्ति को फ्रीज किया जाएगा और दोनों क्षेत्रों (लुहांस्क और डोनेट्स्क) के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

अमेरिका ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। बाइडेन ने रूस के दो वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। रूस बुधवार से लागू होने वाले प्रतिबंधों के बाद पश्चिमी देशों के साथ व्यापार नहीं कर पाएगा।

ब्रिटेन और जर्मनी ने रूस के कदम का विरोध किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के 5 बैंक और 3 अरबपतियों के खिलाफ पाबंदियों का ऐलान किया है। तीनों अरबपतियों की ब्रिटेन में संपत्ति को जब्त किया जाएगा और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा। PM जॉनसन ने कहा कि हालात बिगड़ने पर नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। जर्मनी ने नैचुरल गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट ‘नॉर्ड स्ट्रीम 2’ को बंद करने का ऐलान किया है। इस लाइन के दूसरे फेज के पूरा हो जाने के बाद रूस को हर साल करोड़ों डॉलर की कमाई होनी थी, लेकिन अब मामला अटक गया है।

महीनेभर से युद्धाभ्यास कर रहीं रूस की सेनाओं ने परमाणु अभ्यास भी शुरू कर दिया है। रूस ने यह अभ्यास देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग करने की अनुमति मिलने के बाद शुरू किया है। संसद के ऊपरी सदन की मंजूरी के बाद रूस के लिए यूक्रेन पर हमले का रास्ता साफ हो गया है।

रूस ने कहा कि युद्धपोत, पनडुब्बियां और फाइटर जेट्स अभ्यास कर रहे हैं। इसके पहले रूस ने अमेरिका-यूरोप की धमकियों को दरकिनार करते हुए आजाद देश घोषित यूक्रेन के दो प्रांतों में अपनी सेना को तैनात कर दिया। रूसी सेना के सैकड़ों ट्रक का काफिला यूक्रेन बॉर्डर की तरफ जाता हुआ दिखाई दिया। यह काफिला रूसी शहर बेलगोरोड से होते हुए यूक्रेन बॉर्डर की नजदीक जा रहा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस में कहा- यूक्रेन और रूस के बीच जारी गतिरोध की जड़ें सोवियत के बाद की सियासत में हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के मौजूदा हालात की जड़ें नाटो (NATO) के विस्तार और यूरोपीय देशों के साथ रूस के बदलते संबंधों में भी हैं। ये पिछले 30 साल में बनीं कठिन परिस्थितियों का परिणाम है।

इस कार्रवाई के बाद अमेरिका ने एक्शन लेते हुए एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का ऐलान किया है। वहीं हंगरी ने भी घोषणा की है कि वो यूक्रेन से लगी बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती करेगा।

दोनों देशों के बीच लगभग युद्ध का आगाज हो चुका है. रूस ने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सैन्य अभ्यास भी जारी है। इस पर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने साफ लहजे में कहा, छोटे बड़े हमले जैसा कुछ नहीं होता है। हमला सिर्फ हमला है। हम प्लान A के तहत हर तरह के डिप्लोमैटिक टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद प्लान B में अपने हर शहर, हर गांव और एक एक इंच जमीन के लिए तब तक लड़ेंगे, जब तक जीत नहीं जाते।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन के यूक्रेन में सेना भेजने के आदेश की तारीफ करते हुए उन्हें जीनियस बताया है। एक रेडियो प्रोग्राम में बोलते हुए ट्रम्प ने कहा, कल मैंने पूरा घटनाक्रम टीवी पर देखा, तभी मैंने कहा यह तो जीनियस है। मैंने कहा पुतिन कितने चालाक हैं, यह लोग यूक्रेन के अंदर जाएंगे और शांति स्थापित करने वाली सबसे मजबूत शांति सेना बन जाएंगे।

व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा- अभी डिप्लोमैटिक रास्ते खुले हैं, हम कभी भी डिप्लोमैटिक दरवाजे को पूरी तरह बंद नहीं करेंगे, लेकिन कूटनीति तब तक सफल नहीं हो सकती है जब तक रूस अपने तरीके नहीं बदलता। लगातार बढ़ते तनाव के बीच रूस ने अपने डिप्लोमैट से जल्द जल्द यूक्रेन छोड़ने को कहा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस के 5 बैंक और 3 अरबपतियों के खिलाफ पाबंदियों का ऐलान किया है। जॉनसन ने मंगलवार को संसद में बताया कि तीनों अरबपतियों की ब्रिटेन में संपत्ति को जब्त किया जाएगा और उन्हें ब्रिटेन आने से रोका जाएगा। जिन बैंकों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें रोसिया, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रॉमस्व्याज बैंक और ब्लैक सी बैंक शामिल हैं। वहीं, तीनों अरबपतियों के नाम गेनेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और आइगर रोटेनबर्ग हैं। जॉनसन के ऐलान के बाद कुछ सांसदों ने कहा कि ये प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं। इस पर PM जॉनसन ने कहा कि हालात बिगड़ने पर नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।

यूक्रेन में रूस के आक्रामक एक्शन की वजह से दुनिया भर के शेयर मार्केट में उथल पुथल जारी है। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स और S&P 500 (तीनों अमेरिकी स्टॉक मार्केट इंडेक्स हैं) में गिरावट है। नैस्डैक में 1.23%, S&P 500 में 1.02% और डॉव में 1.42% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, क्रूड ऑइल की कीमतें 1.5% की बढ़ोतरी के 96.84 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है।

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