इससे पहले पुलिस ने इस मामले में मुरादनगर नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने सभी आरोपियों पर रविवार की शाम पुलिस ने गैर इरादतन हत्या, भ्रष्टाचार लापरवाही समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज किया था। इस हादसे में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। मुरादनगर की घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी कार्रवाई करते हुए घटना के लिए ज़िम्मेदार इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ रासुका लगाने का निर्देश दिया है। योगी ने कहा है कि नुकसान की वसूली दोषी इंजीनियर और ठेकेदार से किया जाएगा और उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
वहीं योगी ने डीएम और कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब सितंबर में ही दिया था 50 लाख से ऊपर के निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने का स्पष्ट निर्देश, तो फिर चूक कहां हुई। मृतकों के परिवारों को दस दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जबकि उन परिवारों को, जिनके पास आवास नहीं हैं, उन्हें आवासीय सुविधा मुहैया करने के भी सीएम ने निर्देश दिए हैं।
पुलिस के मुताबिक, इस प्रकरण में मुरादनगर थाने में मृतक जयराम के बेटे दीपक ने केस दर्ज कराया है। इस केस में नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी (EO) निहारिका सिंह, JE चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ IPC की धारा 304, 337, 338, 427 और 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने टीम ने दबिश देकर ठेकेदार अजय त्यागी को छोड़कर अन्य तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आज तीनों को जेल भेजा जाएगा।
दरअसल, गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित श्मशान घाट पर कस्बे के फल कारोबारी जयराम (65) का रविवार दोपहर में अंतिम संस्कार किया जा रहा था। अंतिम संस्कार के दौरान सभी लोग गेट से सटी गैलरी में खड़े थे। इसी दौरान गैलरी की छत गिरने से कई लोग दब गए थे। इनमें 25 की मौत हो गई, 17 घायल हैं। ये सभी बारिश से बचने के लिए छत के नीचे खड़े थे। जिस शख्स का दाह संस्कार चल रहा था, हादसे में उनके एक बेटे की भी मौत हुई थी।