ब्लाॅग पर डाली चैरिटी की लिस्ट
मुंबई (लाइवभारत24)। कोविड-19 महामारी के दौरान अमिताभ बच्चन ने उन डोनेशन की लिस्ट शेयर की है, जो उन्होंने कई संस्थाओं, हॉस्पिटल्स को दिए। ऐसा करते हुए उन्हें शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी लेकिन यह करने के पीछे बड़ी वजह बताई है। महानायक अमिताभ बच्चन अपनी आलोचना से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें रोज मिलने वाली गालियों और अपमानजनक टिप्पणियों की गंदगी का सामना करने के लिए ऐसा पहले ही कर देना चाहिए था।अमिताभ ने अपने ब्लॉग में यह दिल्ली में एक कोविड केयर फेसिलिटी को दिए दो करोड़ रुपए के डोनेशन का जिक्र भी किया है। अमिताभ ने लिखा- हां मैं चैरिटी करता हूं, लेकिन कभी ये नहीं माना कि इसे बताना जरूरी है। ये बहुत शर्मनाक है। लेकिन मेरे लिए आज यह बताना प्रासंगिक हो गया है। हर दिन गाली-गलौज और भद्दे कमेंट की गंदगी पर मेरा या परिवार का कभी ध्यान नहीं गया है। समझदारी यही है कि ये तो होता ही रहा है, इसलिए अपना काम करते रहो। किसी से मत कहो, केवल पाने वाला जानता था, और बात वहीं खत्म होती थी।
आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और यूपी के 1500 से ज्यादा किसानों के बैंक लोन मैंने चुकाए और उन्हें आत्महत्या से बचाया। 300 से ज्यादा लोग आ नहीं सके, 50 लोगों के लिए ट्रेन की बोगी बुक करवाई। उन्हें मुंबई बुलाया, बसें भेजीं, मुंबई दर्शन करवाया, घर बुलाया, भोजन करवाया और लोन कैंसिलेशन सर्टिफिकेट दिए और उन्हें वापस भेजा सब मेरे खर्चे पर।
वीर शहीद जवानों की सूची मांगी गई और उनके परिवार, पत्नियों और उनके बच्चों, कुछ गर्भवती शहीद विधवाओं को जरूरत के मुताबिक मदद प्रदान की।पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों को जनक बुलाया और अभिषेक-श्वेता के हाथों मदद दिलवाई।
पिछले साल कोरोना के दौरान जो लोग पीड़ित रहे ऐसे करीब 4 लाख डेली वेज अनर्स को एक महीने का राशन दिया। शहर में ही करीब 5 हजार लोगों को हर दिन दो वक्त का खाना खिलाया।
हजारों मास्क, पीपीई किट फ्रंट लाइन वॉरियर्स, हॉस्पिटल्स को दीं। अपने निजी फंड में से सिख समुदाय को डोनेशन दिया, जिससे प्रवासियों को उनके घर वापस जाने में मदद दी गई। इन बसों को चलाने वाले अधिकांश सिख ड्राइवर थे।
प्रवासी जब घर लौट रहे थे तब उनमें कईयों के पास जूते तक नहीं थे। सैकड़ों लोगों को जूते-चप्पल दिए। यातायात की कमी होने से 30 बसों को यूपी-बिहार के कई जिलों के लिए बुक किया। उनकी पूरी यात्रा के लिए खाना-पानी दिया।
मुंबई से यूपी तक एक पूरी ट्रेन बुक की, जिसमें 2800 प्रवासी बिना कोई पैसा लिए भेजे गए। मेरे अपने खर्चे पर। जब राज्य ने ट्रेन का आना कैंसिल कर दिया तो तुरंत 3 चार्टर इंडिगो हवाई जहाज के जरिए 180 प्रवासियों को हर फ्लाइट से यूपी, बिहार, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर भेजा।
जैसे वायरस का प्रसार बढ़ा, एक पूरा डाइग्नोस्टिक सेंटर बंगला साहिब गुरुद्वारे को दिया। ताकि गरीब-जरूरतमंदों की मदद हो सके। मेरे नाना-नानी और मां की याद में एक एमआरआई मशीन, सोनोग्राफिक स्कैन उपकरण दिए।
450 बेड के एक केयर सेंटर सेट अप के लिए रकाबगंज गुरुद्वारा में डोनेशन दिया। जल्द ही ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स भेजे जाएंगे। कुछ दिल्ली में जहां जरूरत ज्यादा है और कुछ मुंबई में। जो इसी हफ्ते होगा। उनमें से करीब 50 पौलेंड से 15 मई तक आ जाएंगे। बाकी 150 यूएस से। ऑर्डर भेजा जा चुका है। कुछ हॉस्पिटल में भेज दिए गए हैं।
बीएमसी को वेंटिलेटर्स की जरूरत थी, मैंने 20 मंगवाए। 10 आ गए हैं, जो आज कस्टम से निकलकर पहुंच जाएंगे। जुहू ऑर्मी लोकेशन में 50 बेड का हॉस्पिटल बना है, इस सेट अप के लिए डोनेशन दिया। नानावटी हॉस्पिटल को पिछले हफ्ते 3 कोविड डिटेक्शन मशीन डोनेट कीं।
शहा की झुग्गी और गरीब बस्तियों में हजार लोगों को खाना भेजा जा रहा है। छोटे बच्चे जिनके पैरेंट्स कोरोना में नहीं रहे। उनमें से 2 को गोद लिया और हैदराबाद के अनाथालय में भेजा। उनकी शिक्षा का खर्च उठा रहा हूं। 10वीं के बाद वे अगर प्रतिभाशाली निकलते हैं तो और शिक्षा का खर्च भी उठाउंगा।
तारीफ नहीं, इसका अनुसरण करें। अगर कोई इस तरह की छोटी मदद भी करता है तो मुश्किल हालात थोड़े सुधरने शुरू हो जाएंगे। चारों ओर दुख देखकर कुछ कर पाने में असमर्थता दर्दनाक है। लेकिन हम लड़ेंगे और इससे भी हम जीतेंगे। तो भगवान मेरी मदद करो।
Very nice n informative news