नई दिल्ली (लाइवभारत24)। भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सीमा विवाद के बाद पहली बार नेपाल जाएंगे। उनका यह दौरा अगले महीने होगा। अब तक इसकी तारीख तय नहीं हुई है। नेपाल आर्मी ने बुधवार को इस बारे में कहा कि उनके दौरे को नेपाल सरकार से 3 फरवरी को ही मंजूरी मिल गई थी, लेकिन दोनों देशों में लॉकडाउन की वजह से यह टल गया था। नेपाल आर्मी के प्रवक्ता ब्रिगेडियर संतोष पौडेल ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष दौरे की तारीख तय करने के लिए संपर्क में हैं। इस दौरान नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को नेपाल आर्मी के ऑनरेरी जनरल का रैंक सौंपेंगी। यह 1950 से चली आ रही 70 साल पुरानी परंपरा है। इसके तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य प्रमुखों को ऑनरेरी रैंक सौंपते हैं।
नेपाल और भारत के बीच इस साल मई से ही तनाव है। ऐसे में जनरल नरवणे का नेपाल दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। जनरल नरवणे ने मई में कहा था कि नेपाल किसी दूसरे देश की शह पर सीमा विवाद का मुद्दा उठा रहा है। लिपुलेख से मानसरोवर के बीच बनाई गई भारतीय सड़क पर सवाल खड़े कर रहा है। उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया था, लेकिन नेपाल ने उनके इस बयान पर नाराजगी जाहिर की थी। नेपाल के रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल ने जनरल नरवणे के इस बयान को अपमानजनक बताया था। कहा था, भारत नेपाल के इतिहास, सामाजिक विशेषताओं और आजादी को नजरअंदाज कर रहा है।
हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर बनाने के लिए कई पहल हुई हैं। अगस्त में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। ओली ने मोदी और भारत की जनता को 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी थी। दोनों नेताओं के बीच आपसी सहयोग के मुद्दों पर भी बातचीत हुई थी। इसके बाद 17 अगस्त को काठमांडू में दोनों देशों के अफसरों की हाई लेवल बैठक हुई थी। इसमें नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और भारतीय अफसरों की टीम ने हिस्सा लिया था। बैठक में दोनों देशों के जॉइंट प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।
भारत ने अपना नया राजनीतिक नक्शा 2 नवम्बर 2019 को जारी किया था। इस पर नेपाल ने आपत्ति जताई थी और कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख इलाके को अपना क्षेत्र बताया था। इस साल 18 मई को नेपाल ने इन तीनों इलाकों को शामिल करते हुए अपना नया नक्शा जारी कर दिया। इस नक्शे को अपने संसद के दोनों सदनों में पारित कराया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली सैनिकों ने कुछ भारतीयों पर फायरिंग भी की थी। मई-जून में नेपाल ने भारत से सटी सीमाओं पर सैनिकों की तादाद बढ़ा दी।