अरे! यह सैलून तो बिल्कुल क्लीनिक बन गया…
आप भी जानें शहर के बदले ब्यूटी ट्रेंड को
सैलून में ईको पैकिंग का कर रहे हैं इस्तेमाल :


प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट और स्टाइल्ज सैलून की ओनर कोमल महेंद्रू कहती हैं, अनलॉक होने के बाद मैंने अलीगंज और गोखले मार्ग स्थित अपने दोनों सैलून को पूरी तरह सैनिटाइज कराया। यहां सभी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सबसे जरूरी चीज है, क्लाइंट की सभी ब्यूटी सर्विस के लिये इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट ईको पैकिंग यूज किये जाते हैं। पैडीक्योर, फेशियल, क्लीनअप आदि के लिये मोनोडोज पैकिंग का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, हाइजीन को लेकर ऐसा हम पहले से ही करते आ रहे हैं। मगर अब और ज्यादा करने लगे हैं।
अब हमारा सैलून भी किसी क्लिनिक से कम नहीं लगता। ऑल्टरनेट डे पर स्टाफ को बुलाती हूं। कस्टमर और स्टाफ को सैलून में प्रवेश करने से पहले ऑक्सीजनोमीटर मशीन से टेंपरेचर चेक किया जाता है। आरोग्य सेतु एप्प के बिना किसी को भी इंट्री नहीं दी जाती है। हालांकि, बिजनेस पर पहले से बहुत फर्क पड़ा है। मगर अब तो हम सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए इसी तरह जीना सीखना होगा।
55 गाइडलाइन का पालन किया जाता है सैलून में :अनीता मिश्रा


गोमतीनगर स्थित लक्मे सैलून की ओनर अनीता मिश्रा कहती हैं, कोरोना काल में सबकुछ बदल गया है। पहले से ज्यादा अब लोग अपनी सेहत का ख्याल रखने लगे हैं। ऐसे में ब्यूटी इन्डस्ट्री में भी बदलाव आये हैं। हमारे लक्मे के सभी सैलून में करीब 55 गाइडलाइन का पालन किया जाता है। क्लाइंट की इन्ट्री से लेकर सर्विस देने तक उसे कई सुरक्षा चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। सैलून में प्रवेश करने से पहले ऑक्सीजनोमीटर मशीन से टेंपरेचर चेक किया जाता है। बार-बार सारे टूल्स स्टरलाइज करते हैं। यूवी लाइट का इस्तेमाल करते हैं। हेयर कट, बॉडी केयर, मेकअप के लिये अलग-अलग सेक्शन बने हैं। वहीं, जब ब्यूटी सर्विस लेने वाले लोग पूरी तरह संतुष्ट हो जाते हैं, तभी हम उनकी सर्विस शुरू करते हैं। हालांकि, इस वक्त लोग कम आ रहे हैं, मगर जो पुराने क्लाइंट हैं, वह पूरे भरोसे के साथ आते हैं और सुरक्षित माहौल में ब्यूटी सर्विस का लाभ उठा रहे हैं। अब लोग आई मेकअप पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं क्योंकि मुंह तो मास्क से ढका रहता है।
सैनिटाइज कराने के बाद देते हैं इन्ट्री :


निशातगंज में न्यू हैदराबाद स्थित रीवैम्प ब्यूटी पार्लर की ओनर रजनी सिंह कहती हैं, सैलून में अंदर आने से पहले हर एक का टेंपरेचर चेक किया जाता है। ऑक्सीजनोमीटर मशीन से टेंपरेचर चेक करने के बाद सैनिटाइज किया जाता है फिर ब्यूटी सर्विस दी जाती हैं। हालांकि, बिना मास्क लगाए किसी को सैलून में आने की अनुमति नहीं दी जाती है। सर्विस देने वाली सभी ब्यूटी एक्सपर्ट भी सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करती हैं।
डिस्पोजबल प्रोडक्ट का कर रहें प्रयोग:


विकासनगर सेक्टर-6 स्थित सुषमाज मेकअप स्टूडियो की ओनर सुषमा तिवारी कहती हैं, हम तो फिलहाल अप्वाइंटमेंट लेकर सर्विस दे रहे हैं। ताकि किसी को बैठना न पड़े। फोन पर पहले क्लाइंट की सारी मेडिकल हिस्ट्री पूछ ली जाती है फिर उनको बुलाया जाता है। पार्लर के बाहर फुट सैनिटाइजर स्टैंड लगाया है। बिन मास्क अंदर नहीं आने देते, जूते-चप्पल भी बाहर उतरवा देते हैं। इस वक्त ज्यादातर चीजें डिस्पोजबल ही इस्तेमाल की जा रही हैं। टूल्स को स्टरलाइज करते हैं, यूवी लाइट का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल ब्यूटी सर्विस के रेट नहीं बढ़ाए गये हैं।
तीन महीने तक किया घरेलू नुस्खों का प्रयोग :
सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए लेती हूं सैलून सर्विस


गोमतीनगर निवासी, रुचि जैन कहती हैं, आजकल मास्क लगाने के कारण लिपस्टिक का खर्च तो भले ही कम हो गया है। मगर ब्यूटी मेनटेन रखने के लिये ब्यूटी सर्विस पर थोड़ा-बहुत खर्च तो करती हूं। हालांकि, ब्यूटी प्रोडक्ट पर मैं पहले भी कम ही खर्च करती थी क्योंकि मेरे पति का कहना है कि मुझे मेकअप की जरूरत ही नहीं है इसीलिए मैं होममेड या आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट प्रयोग करती हूं। हां, थ्रेडिंग, हेयर कट और फेशियल वैगरह करवाने के लिए हमें पार्लर जाना ही पड़ता है। मगर अनलॉक होने के बाद मैं पूरी सावधानी के साथ ही बाहर जाती हूं। मास्क, सेनेटाइजर का प्रयोग अनिवार्य रूप से करती हूं। ताकि खुद के साथ परिवार की सुरक्षा भी बनी रहे।
Very informative news