लखनऊ (लाइवभारत24)। इंटरनेशनल राईस रीसर्च इन्सटीट्यूट (आईआरआरआई) एवं डीसीएम श्रीराम लिमिटेड केे हाइब्रिड सीड कारोबार बायोसीड ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। बायोसीड एसईए के एक्ज़क्टिव डायरेक्टर डॉ परेश वर्मा एवं आईआरआरआई के महानिदेशक डॉ मैथ्यू मोरेल द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत बायोसीड अपनी कंपनी के बायोटेक्नोलॉजी रीसर्च के लिए आईआरआरआई की विश्वस्तरीय अनुसंधान सुविधाओं एवं तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर सकेगी। इस समझौते के तहत आईआरआरआई की अनुसंधान सुविधाओं, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तथा प्रशिक्षण एवं कन्सलटेन्सी सेवाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। इसके अलावा बायोसीड, हाइब्रिड चावल के विकास के लिए आईआरआरआई के टू-लाईन्स स्टडी ग्रुप के साथ भी जुड़ेगी। इस अध्ययन से जुड़े मौजूदा सदस्यों के साथ मिलकर बायोसीड नई हाइब्रिड किस्मों के लिए संयुक्त अनुसंधान एवं विकास प्रक्रिया में भी हिस्सा लेगी। यह समझौता निजी क्षेत्र के साथ आईआरआरआई की सामरिक साझेदारी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। ‘‘आईआरआरआई के साथ साझेदारी करते हुए बायोसीड को बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है।’’ डॉ वर्मा ने कहा। ‘‘इससे बायोसीड आईआरआरआई की अनुसंधान क्षमता का उपयोग कर अपनी बायोटेक्नोलॉजी परियोजनाओं का आधुनिकीकरण कर सकेगी और क्षेत्र के किसानों के लिए वैल्यू-एडेड खाद्य फसलों के विकास को बढ़ावा दे सकेगी।’’ ‘‘आईआरआरआई निजी क्षेत्र के साझेदारों जैसे बायोसीड का स्वागत करती है, जो स्थायी कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिए इनोवेशन एवं अनुसंधान में योगदान देंगे। यह समझौता दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में हमारी अनुसंधान क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा और जलवायु के अनुसार पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए फसलों में सुधार लाएगा।’’ रेमी बिटॉन, आईआरआरआई टेक ट्रांसफर के प्रमुख ने कहा। ‘‘इसके अलावा हमारे टू-लाईन्स स्टडी ग्रुप में बायोसीड की साझेदारी चावल की नई हाइब्रिड किस्मों के विकास को बढ़ावा देगी जो चावल के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।’’

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