. जीवनशैली से जुड़ी क्रोनिक बीमारियों के प्रबन्धन में अपने पोर्टफोलियो को बनाया सशक्त

. प्लेटफॉर्म पर मौजूद 60 फीसदी मरीज़ हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, इसी के मद्देनज़र की गई साझेदारी

. ओमरॉन बीपी मॉनिटर्स को बीटो ऐप इकोसिस्टम के साथ जोड़ा

लखनऊ (लाइवभारत24)। क्रोनिक रोगों के प्रबंधन के लिए भारत के अग्रणी डिजिटल केयर इकोसिस्टम बीटो ने डिजिटल बीपी मॉनिटरिंग सेगमेन्ट में अग्रणी ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के साथ साझेदारी की घोषणा की है। जीवनशैली से जुड़ी क्रोनिक बीमारी हाइपरटेंशन के रिमोट प्रबंधन के क्षेत्र में विस्तार के दृष्टिकोण से यह साझेदारी की गई है।

साझेदारी के तहत बीटो ऐप इकोसिस्टम में ओमरॉन बीपी मॉनिटर्स को शामिल किए जाने से उपयोगकर्ता रियल टाईम में अपने ब्लड प्रेशर यानि रक्तचाप का प्रबंधन कर सकेंगे, इससे मरीज़ की रीडिंग एवं आंकड़ों के आधार पर रियल टाईम में सलाह लेना और बीपी पर नियन्त्रण रखना आसान हो जाएगा। 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कोचों की टीम के सहयोग से बीटो ऐप का यह रिमोट एवं वर्चुअल प्रबन्धन, मरीज़ को उसकी बीपी रीडिंग एवं रूझानों के आधार पर पोषण, जीवनशैली और दवाओं के लिए रियल टाईम में सहयोग प्रदान करेगा। ‘डॉक्टरों द्वारा सबसे ज़्यादा अनुशंसित ब्राण्ड’ और दुनिया में बीपी मॉनिटरिंग डिवाइसेज़ का नंबर 1 निर्माता ओमरॉन अब तक दुनिया भर में 200 मिलियन से अधिक युनिट्स बेच चुका है। ओमरॉन पेटेंटेड टेक्नोलॉजी जैसे इंटेलीसेन्स, इंटेलीरैप, स्मार्टफोन से कनेक्टिविटी से युक्त आधुनिक डिजिटल बीपी मॉनिटर पेश करता है और सटीक परिणाम देता है, जोकि रिमोट पेशेन्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। खासतौर पर कोविड के चलते न्यू नॉर्मल के इस दौर में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस सेवा को बीटो के सब्सक्रिप्शन प्लान में शामिल किया जाएगा, जिसमें दवाओं की डिलीवरी, बीमा और नैदानिक सेवाएं शामिल होंगी। ऐसे में यह ठीक उसी तरह आधुनिक समाधान पेश करेगा जिस तरह बीटो डायबिटीज़ के प्रबन्धन में मदद करता है।

बीटो का एआई ट्राईएजिंग सिस्टम, हेल्थन्यूरॉन और इसका डिजिटल केेयर इकोसिस्टम पहले से डायबिटीज़ के प्रबन्धन के लिए मददगार साबित हुआ है। खासतौर पर कोविड-19 महामारी में यह मरीज़ों को ब्लड-शुगर पर नियन्त्रण रखने में मदद कर रहा है। इस सफलता के बाद, बीटो अब इसी डिजिटल केयर अवधारणा का उपयोग मरीज़ों के ब्लड प्रेशर के प्रबन्धन में भी करना चाहता है। डायबिटीज़ के प्रबन्धन की बात करें तो बीटो के प्लेटफॉर्म पर 120,000 सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और इनमें से 60 फीसदी हाइपरटेंशन (उच्चरक्तचाप) से भी पीड़ित हैं।

इस साझेदारी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गौतम चौपड़ा, सह-संस्थापक एवं सीईओ, बीटो ने कहा, ‘‘इस साझेदारी के साथ बीटो के सदस्य अपने ब्लडप्रेशर के प्रबन्धन के लिए रियल टाईम में बेहतर सहयोग पा सकेंगे और ब्लडप्रेशर पर नियन्त्रण रख सकेंगे। हाइपरटेंशन के लिए बीटो ऐप इकोसिस्टम का यह विस्तार सही मायनों में इसके सदस्यों के लिए बेहद कारगर साबित होगा।’’

ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के एमडी श्री मसनोरी मत्सुबारा ने कहा, ‘‘इस साझेदारी के कारण न केवल अस्पताल जाने से कोविड फैलने की संभावना कम होगी, बल्कि आम जनता में बीपी की डिजिटल मॉनिटरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा। हम रिमोट मॉनिटरिंग के क्षेत्र में निरन्तर प्रयास कर रहे हैं और यह इसी दिशा में हमारा एक और कदम है। साथ ही यह साझेदारी ओमरॉन हेल्थकेयर को देश में ‘शून्य हार्ट अटैक’ एवं ‘शून्य ब्रेन स्ट्रोक’ के अपने दृष्टिकोण की ओर बढ़ने में भी मदद करेगी। क्योंकि लोग ब्लड प्रेशर के लिए समय पर एवं सटीक मॉनिटरिंग के द्वारा निवारक स्वास्थ्य सेवा प्रबन्धन का महत्व भी समझेंगे।’’

भारत में 230 मिलियन से अधिक लोग उच्चरक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं और तकरीबन 70 मिलियन लोग डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं। ये दोनों बीमारियां एक साथ मिलकर मैक्रोवैस्कुलर एवं माइक्रोवैस्कुलर समस्याओं का कारण बन सकती हैं, जिसका असर दिल, दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों तक खून पहुंचाने वाली रक्तवाहिकों पर पड़ता है। इसके अलावा डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन, दोनों एक साथ होने पर इनका प्रबंधन और भी मुश्किल हो जाता है।

कोविड के चलते अस्पताल और क्लिनिक जाने पर लगे प्रतिबंधों को देखते हुए, निवारक तथा व्यक्तिगत रूप से रिमोट स्वास्थ्यसेवा प्रबन्धन समय की मांग बन चुका है, जिसके द्वारा जीवनशैली से जुड़ी इन बीमारियों का प्रबन्धन कर न केवल मरीज़ों को सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि इनके कारण देश भर बढ़ते आर्थिक बोझ को भी कम किया जा सकता है।

बीटो अपने उपयोगकर्ताओं को प्रबंधन के आधुनिक प्रबंधन उपलब्ध कराने के लिए लागत प्रभावी हार्डवेयर के साथ बीटो ऐप भी पेश करता है। एआई से पावर्ड बीटो मरीज़ों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए सम्पूर्ण समाधान लेकर आता है, जिसमें मॉनिटरिंग से लेकर डॉक्टर एवं पोषण विशेषज्ञ के साथ कन्सलटेशन, दवाओं की नियमित डिलीवरी, बीमा एवं नैदानिक सेवाएं तक शामिल हैं।

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