मुंबई(लाइवभारत24)। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच करने केंद्रीय जांच एजेंसी की एसआईटी टीम गुरुवार शाम को दिल्ली से मुंबई पहुंच गई। उधर, मुंबई के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने कहा कि हम सीबीआई की टीम की जांच में मदद करेंगे। इससे पहले पुलिस कमिश्नर ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की। इस बीच मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे को सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच नोडल अफसर बनाया गया है। त्रिमुखे सुशांत केस की जांच में शामिल थे। उधर, सीबीआई की टीम कल बांद्रा पुलिस से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अपने हाथ में लेगी। सीबीआई ने इस मामले के लिए गुजरात कैडर के आईपीएस मनोज शशिधर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। गुजरात कैडर की महिला आईपीएस अफसर गगन दीप गंभीर भी इस टीम का हिस्सा हैं, जो दिल्ली सीबीआई मुख्यालय में कार्यरत हैं। इनके साथ कुल 10 लोगों की टीम इस केस पर एक साथ काम करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, इस केस पर सीबीआई की टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर टीम में तीन सदस्य होंगे और ये सभी आईपीएस मनोज शशिधर को रिपोर्ट करेंगे। पहली टीम को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जैसे- केस डायरी, क्राइम सीन के फोटोग्राफ, ऑटॉप्सी रिपोर्ट, मुंबई पुलिस की फोरेंसिक रिपोर्ट, पीएम रिपोर्ट और दर्ज किए गए गवाहों के बयान की कॉपी को जमा करने की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरी टीम रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से जुड़े लोग, सुशांत के पूर्व मैनेजर, उनके घर पर काम करने वाले लोगों से पूछताछ करेगी। उस दिन मौका-ए-वारदात पर मौजूद सभी लोगों के बयान नए सिरे से दर्ज किए जाएंगे। तीसरी टीम इस मामले में प्रोफेशनल रंजिश, बॉलीवुड के नामचीन लोग और सुशांत के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स से भी पूछताछ करेगी। सीन ऑफ क्राइम को रीक्रिएट करने का जिम्मा भी इसी टीम को दिया गया है। इसके अलावा, सीबीआई टीम ईडी द्वारा की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच की फाइंडिंग रिपोर्ट के सहारे भी केस को आगे लेकर जाएगी। सीबीआई को जिन पॉइंट्स का पता लगाना है उनमें सीबीआई की जांच बिहार पुलिस की एफआईआर पर बेस्ड होगी। इसमें आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस एफआईआर में आईपीसी की धारा 341, 348, 380, 406, 420, 306 और 120बी शामिल हैं। इसके अलावा, सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है वो है सुशांत सिंह राजपूत की मौत खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे का कारण। सुशांत की मौत में रिया, उनके परिवार, बॉलीवुड से जुड़े लोग और उसके घर पर काम करने वाले लोगों की क्या भूमिका थी? पैसों के लेन-देन, कमाई और सुशांत के पिता द्वारा लगाये आरोपों की जांच करना। सुशांत की बिमारी, उनके डिप्रेशन की थ्योरी और उनके डॉक्टर्स के दावों की पड़ताल करना। पिता ने डॉक्टर्स पर भी संदेह जताया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की सच्चाई को परखना और फॉरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना। कॉल डिटेल्स की पड़ताल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे इस केस की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा।13 और 14 जून का पूरा सच सामने लाने की पूरी जिम्मेदारी भी सीबीआई के कंधों पर रहेगी।

केंद्रीय जांच एजेंसी की चुनौतियां
1. सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर साक्ष्य पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।
2. मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।
3. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी जिसमे वक्त लग सकता है।

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