दस विभागों के साझा प्रयासों से हारेंगे मच्छरजनित रोग

जागरुकता व साफ-सफाई से करें बचाव
सीएमओ ने बताया कि संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाले वह संक्रामक रोग हैं जो किसी न किसी रोग जनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वायरस आदि के कारण होता है, जो गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार, एईएस-जेई, कालाजार के साथ-साथ वर्तमान में कोरोना इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। इन रोगों से जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही बचा जा सकता है। जिला चिकित्सालय सहित सभी सीएचसी व पीएचसी पर संचारी रोगों की जांच और उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है।
तेजी से कम हो रहे संचारी बीमारियों के रोगी
जिला महामारी रोग विज्ञानी डॉ. विवेक सचान ने बताया कि जिले में बीते सालों में जेई और एईएस के मरीजों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में जिले भर में जेई व एईएस के कुल 209 मरीज मिले थे। वर्ष 2019 में यह संख्या घटकर महज 169 रह गई। इस साल जनवरी से अब तक कुल 15 मरीज मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संचारी रोगों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में एक केयर यूनिट बनाई गई है। इसके अलावा जिले के 12 सीएचसी पर इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना की गई है।
विभागों की सहभागिता
संचारी रोग नियंत्रण अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, नगर निगम/ शहरी विकास, कृषि विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, सूचना विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, संस्कृति विभाग व स्वच्छ भारत मिशन की सहभागिता होगी।