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कोरोना अलर्ट : क्वारंटाइन या आइसोलेशन के रोगी का न बनाएं वीडियो

बरेली (लाइव भारत 24)। कोरोना वायरस के चलते दिनोंदिन मरीज बढ़ रहे हैं। वहीं, इस बीमारी का शिकार होकर जान गवांने वाले मरीजों को देखकर लोगों में मौत का खौफ साफ दिखाई देता है। हालांकि केंद्र व राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक कर रही हैं। साथ ही कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर उनकी जांच भी कर रही है। ऐसे में, जब भी कोई मरीज कोरोना संक्रमित निकलता है तो उसे क्वारंटाइन या आइसोलेट किया जाता है। मगर कुछ लोग ऐसे मरीजों का वीडियो बनाने लगते हैं जो सही नहीं है। लाइव भारत 24 की टीम को लगातार ऐसे मैसेज और सूचनाएं मिल रहीं हैं कि वह अपने न्यूज पोर्टल के माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करें। ऐसे ही एक सक्रिय पाठक ने हमारी टीम को अपना संदेश भेजा है, जिसे हम अपने न्यूज पोर्टल पर प्रकाशित कर रहे हैं। हमें आशा है कि इस संदेश व अपील से आप भी सहमत होंगे। साथ ही आपके पास भी यदि कुछ अच्छे सुझाव या विचार हों तो आप हमारी टीम को भेज सकते हैं।

अंजना दुबे (सोशल एक्टिविस्ट)

मरीज का न बनाएं मजाक :

मैं आज आपसे एवं समाज के सभी लोगों से एक अपील करना चाहती हूं कि जब भी कभी आपके किसी पड़ोसी या आसपास के किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा क्वारेंटाइन या आइसोलेशन के लिए ले जाया जा रहा हो तो उसकी वीडियोग्राफी करके उसे आपराधिक बोध जैसा अनुभव कराने का प्रयास न करें बल्कि अपने घर के दरवाजे से, बालकनी से या छत से आवाज लगाकर, हाथ उठाकर, हाथ हिलाकर उनका उत्साह बढ़ाएं और कहें कि आप जल्द ही ठीक होकर हमारे बीच में फिर से पहले जैसी जिंदगी शुरू करेंगे। उनके जल्द ठीक होकर घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दें।

ये भी करें
👉 उनकी इज़्ज़त करें।
👉 उनके लिए प्रार्थना करें।
👉 उन्हें अच्छा पड़ोसी व मित्र होने का एहसास कराएं।
👉 Get Well Soon कहें।
👉 जिससे वह अंदर से मज़बूत होकर सबके साथ फिर से जड़ें।
ऐसा करने से उन्हें अच्छा लगेगा साथ ही आपको भी शांति प्राप्त होगी क्योंकि इस स्थान पर हम में से कोई भी हो सकता है।
बीमारी दवा से कम और मनोबल से ज़्यादा ठीक होती है।
एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाएं। ईश्वर से प्रार्थना करें सभी का मंगल हो। सभी स्वस्थ रहें। सबके जीवन में प्रेम और शांति की स्थापना हो।
खुद भी सावधानी बरतें, औरों को भी समझाएं।
अंजना दुबे (सोशल एक्टिविस्ट) 
बरेली, उप्र

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