लखनऊ (लाइवभारत24)। चार जनवरी को किसानों की केंद्र सरकार से वार्ता होनी है। कानून व्यवस्था को लेकर यूपी में सीनियर पुलिस अफसर नजर बनाए रखेंगे इसके लिए उनकी तैनाती की गई है। दिल्ली की आसपास की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। सोमवार को फिर सरकार और किसानों के बीच वार्ता होनी है। इसको लेकर यूपी सरकार भी अलर्ट हो गई है। राज्य के 17 जिलों में यूपी पुलिस के सीनियर अफसरों को उतारा गया है। किसान आंदोलन के चलते पुलिस के सीनियर अफसरों को यूपी के पश्चिम के जिलों में निगरानी के लिए तैनाती की गई है।दरअसल, 4 जनवरी को केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच एक बार फिर से वार्ता होनी है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग और डीजीपी ने कानून व्यवस्था को लेकर तमाम गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगाई है। बीते 37 दिनों से देश के यूपी समेत अन्य राज्यों से किसान संगठन दिल्ली के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
डीजीपी मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते सीनियर पुलिस अफसरों को मैदान में उतारा गया हैं। 17 जिलों में भेजे गए सीनियर पुलिस अफसरों में मुरादाबाद में एडीजी राजीव कृष्ण, लखीमपुर खीरी में आईजी लक्ष्मी सिंह, पीलीभीत में आईजी राजेश पांडे, शाहजहांपुर में डीआईजी शलभ माथुर, बिजनौर में डीआईजी अखिलेश मीणा समेत सीनियर पुलिस अधिकारियों की ड्यूट ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा गाजियाबाद आईजी रेंज मेरठ व मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, हापुड़, सहारनपुर जिलों में सीनियर पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगाई है।
उत्तर प्रदेश की खुफिया एजेंसी को सूचना मिली है कि 4 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच होने वाली वार्ता में अगर मांगे नहीं मानी गई तो किसान संगठन प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खुफिया एजेंसियों की मिली सूचना के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया ने सीनियर अफसरों की तैनाती कर जिलों में हो रही गतिविधियां व किसान संगठनों से वार्ताकार फीडबैक लेने के निर्देश दिए गए हैं। किसान संगठनों के द्वारा आयोजित होने वाली छोटी से लेकर बड़ी सभाओं पर नजर रखने के लिए ऐसा किया गया है।

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