नई दिल्ली (लाइवभारत24)। कोरोना वायरस महामारी ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को गंभीर तरीके से प्रभावित किया है और कारोबार का तरीका बदला है। इसे देखते हुए वेस्टीज मार्केटिंग डिजिटलीकरण पर ध्यान फोकस कर रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, विकास की राह पर बढऩे के लिए कंपनी टेक्नोलाजी का लाभ उठाना जारी रखेगी। घरेलू डायरेक्ट सेलिंग फर्म टियर 2 और टियर 3 शहरों में डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या बढ़ाना चाह रही है। इन शहरों में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण नौकरी गंवा दी है और डायरेक्ट सेलिंग को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत के रूप में अपना रहे हैं।

वेस्टीज मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम बाली ने बातचीत में कहा, महामारी ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का इम्तिहान लिया है। लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, संक्रमण के भय और लॉकडाउन ने कारोबार के तरीके पर बड़ा असर डाला है। उन्होंने कहा कि रेफरल का पुराना मॉडल था मीट एंड ग्रीट, जिसमें ग्राहकों से मिलते थे और उत्पाद दिखाते थे। लेकिन अब यह सब ऑनलाइन पर शिफ्ट हो गया है।

बाली ने कहा, अनुमान है कि महामारी के बाद भी ऑनलाइन का यह तरीका बना रहेगा क्योंकि इससे खरीदारी आसान हुई है और लोगों का समय बचा है। इसने बिक्री के नए रास्ते खोले हैं और साथ ही विक्रेताओं की आय में भी वृद्धि की है। ट्रेंड में बदलाव पर कंपनी की योजना के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, डिजिटलाइजेशन के माध्यम से बदलते परिवेश में ग्राहकों और समाज को सर्विस देने के लिए वेस्टीज टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन का लाभ उठाना जारी रखेगी। इन उपायों ने ऑनलाइन ऑर्डर को 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने बताया कि महामारी के चरम के दौरान भी वेस्टीज ने अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स नेटवर्क में 52 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की। 2020 में इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के थे। इस विस्तार में टियर 2 और टियर 3 शहरों के डिस्ट्रीब्यूटर्स की अच्छी खासी हिस्सेदारी रही।

उन्होंने व्यावसायिक गोपनीयता का हवाला देते हुए डिस्ट्रीब्यूटर्स की कुल संख्या नहीं बताई । बाली ने कहा कि इस समय कंपनी की 48 शाखाएं हैं, 3,500 से अधिक ऑनलाइन व ऑफलाइन सेंटर हैं और 600 से अधिक कर्मचारी हैं। महामारी के मद्देनजर छोटे शहरों और कस्बों में डायरेक्ट सेलिंग के विकास के बारे में बताते हुए बाली ने कहा, औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी, वेतन में कटौती और जॉब डिसप्लेसमेंट देखी गई है। इसके अलावा रिवर्स माइग्रेशन भी हुआ है। लाखों प्रवासी कामगार अपने गृहराज्यों को वापस गए हैं और हर साल बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं भी तैयार हो रही हैं।

उन्होंने आगे कहा, इन सब कारणों ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को लाखों लोगों के लिए आजीविका के वैकल्पिक स्रोत के रूप में स्थापित किया। नौकरी गंवाने वाले और वित्तीय आजादी चाहने वाले लोगों के लिए यह वैकल्पिक करियर बनकर सामने आया है। विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में। वेस्टीज ने 2004 में 10 उत्पादों के साथ शुरुआत की थी। वर्तमान में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार के साथ 19 श्रेणियों में 300 से अधिक स्टॉक कीपिंग यूनिट्स (एसकेयू) हैं। छह देशों में कंपनी की मौजूदगी है और 2025 तक यह अन्य देशों में विस्तार की योजना बना रही है।

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