लखनऊ (लाइवभारत24)। देश की अग्रणी एनबीएफसी और सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने बिजली वितरण कंपनियों को फंडिंग उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है, ताकि वे बिजली उत्पादन कंपनियों को समय पर अपना बकाया भुगतान अदा कर सकें। यह कदम देर से भुगतान पर लगने वाले शुल्क को बचाने में डिस्कॉम की मदद करेगा और उनके लिए समय पर भुगतान के कारण मिलने वाली छूट भी अर्जित करेगा। नई शुरू की गई सुविधा डिस्कॉम के बढ़ते बकाया के मुद्दे को दूर करने में भी सहायक साबित होगी। पीआरएएपीटीआई (पेमेंट रेटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पॉवर प्रोक्योरमेंट फाॅर बिं्रगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इनवाॅइसिंग आॅफ जनरेटर्स) पोर्टल के अनुसार, अगस्त तक डिस्कॉम का बकाया पिछले साल इसी महीने के बकाया लगभग 97,000 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.32 लाख करोड़ रुपये था। आधिकारिक सूत्रांे के अनुसार, पीएफसी द्वारा डिस्काॅम्स को दी जाने वाली क्रेडिट सुविधा डिस्कॉम्स/जेनकाॅस/ट्रांसकाॅस कंपनियों को बकाया राशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डिस्कॉम/जेनकाॅस को रिवाल्विंग बिल पेमेंट फेसिलिटी (आरबीपीएफ) की पेशकश करने की नीति के तहत उपलब्ध होगी। यह बिजली क्षेत्र के दबाव को कम करने के लिए शुरू की गई पहल में से एक है, विशेष रूप से नकदी की कमी झेलने वाले डिस्काॅम पर। सीईआरसी के नियमों के अनुसार, जेनको/ट्रांसको द्वारा चालान जारी करने के 5 दिनों तक बिजली खरीद के बकाये के भुगतान पर 1.5 प्रतिशत की छूट दी जाती है और उसके बाद छठे से 30 वें दिन तक भुगतान के लिए 1 प्रतिशत बढ़ाया जाता है। इसके अलावा, प्रति माह 1.5 प्रतिशत की दर से एलपीएससी (लेट पेमेंट सरचार्ज) भुगतान किया जाता है, यदि भुगतान 45 दिनों से अधिक देरी से होता है।

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