नई दिल्ली (लाइवभारत24)। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर की यह फोटो मंगलवार को ली गई थी। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 56वां दिन है। आज दोपहर 2 बजे किसानों की सरकार के साथ 11वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 10 बैठकों में से 9 बेनतीजा रही थीं। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार का कहना है कि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है, किसानों को अब इसके अलावा दूसरी मांगों पर बात करनी चाहिए।  किसान कह चुके हैं कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। दिल्ली पुलिस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मुद्दे पर आज सुनवाई होगी। इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने कहा था कि किसानों को दिल्ली में एंट्री दी जाए या नहीं, यह पुलिस ही तय करेगी, क्योंकि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है।कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी के 3 सदस्यों ने मंगलवार को दिल्ली में पहली बैठक की। इसमें आगे की प्रक्रिया, कब-कब मीटिंग करेंगे, कैसे सुझाव लेंगे और रिपोर्ट तैयार करने पर विचार किया गया। कमेटी के मुताबिक 21 जनवरी को समिति किसान संगठनों के साथ बैठक करेगी। जो किसान नहीं आएंगे, उनसे मिलने भी जाएंगे। ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है। 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे। इससे पहले समिति के सदस्यों की निजी राय कानूनों के पक्ष में होने का हवाला देते हुए उन्हें बदलने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसके पहले के विचारों की वजह से समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों के समर्थन में 30 जनवरी से रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। उधर, केंद्र सरकार के निर्देश पर भाजपा की महाराष्ट्र यूनिट ने पूर्व कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को अन्ना को मनाने का जिम्मा सौंपा है।

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