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US हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत

वॉशिंगटन (लाइवभारत24)। वॉशिंगटन डीसी में गुरुवार को हुई हिंसा के बाद अब असहज सी शांति है। कैपिटल हिल जिसे आम भाषा में संसद भवन परिसर कह सकते हैं, वहां बेहद सख्त सुरक्षा है। हिंसा के जिम्मेदार माने जा रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी उनका साथ छोड़ रहे हैं, इस्तीफे दे रहे हैं। मांग उठ रही है कि ट्रम्प को 12 दिन का बचा हुआ कार्यकाल भी पूरा नहीं करने देना चाहिए। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक हो चुके ट्रम्प ने एक नया वीडियो जारी किया। इसमें पहली बार हिंसा की निंदा की और दोहराया- 20 जनवरी को पावर ट्रांजिशन यानी सत्ता हस्तांतरण नियमों के मुताबिक ही होगा। इसके साथ ही वॉशिंगटन डीसी की सुरक्षा को ‘भीड़ तंत्र’ से बचाने के लिए सुरक्षा प्रबंध सख्त किए जा रहे हैं। गुरुवार को हुई हिंसा के बाद अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी की सुरक्षा बेहद सख्त की जा रही है। US आर्मी शहर की सीमाओं पर 7 फीट ऊंची फेंसिंग यानी जाली लगाने जा रही है। इसका काम शु्रू भी हो गया है। npr.org की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जाली पर चढ़ना नामुमकिन होगा। यह जाली अगले 30 दिन तक रहेगी। इसके अलावा राजधानी की सुरक्षा के लिए 6200 यूएस आर्मी नेशनल गार्ड्स तैनात किए जा रहे हैं। इनके अलावा चार राज्यों से पुलिसकर्मी भी बुलाए गए हैं। हर व्यक्ति की कड़ी जांच की जाएगी। अमेरिकी संसद में गुरुवार को हुई हिंसा में घायल हुए एक पुलिस अफसर की शुक्रवार को मौत हो गई। वॉशिंगटन डीसी पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। गुरुवार को एक महिला समेत चार लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को हुई हिंसा के बाद अमेरिकी संसद भवन यानी कैपिटल हिल के बाहर बेहद सख्त सुरक्षा व्यवस्था है। कुछ अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि यही व्यवस्था अगर पहले की गई होती तो गुरुवार की घटना टाली जा सकती थी।
गुरुवार को हुई हिंसा के बाद अमेरिकी संसद भवन यानी कैपिटल हिल के बाहर बेहद सख्त सुरक्षा व्यवस्था है। कुछ अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि यही व्यवस्था अगर पहले की गई होती तो गुरुवार की घटना टाली जा सकती थी।
हर तरफ विरोध
रिपब्लिकन पार्टी के करीब 100 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने साफ तौर पर गुरुवार की हिंसक घटनाओं के लिए सीधे तौर पर अपने नेता और राष्ट्रपति ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया। व्हाइट हाउस के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर, एजुकेशन मिनिस्टर और तमाम मेंबर्स ऐसे हैं जिन्होंने इस्तीफे दे दिए। बहुत मुमकिन है कि NSA रॉबर्ट ब्राउन और चीफ ऑफ स्टाफ भी आज पद छोड़ दें। कुल मिलाकर ट्रम्प पर भारी दबाव है कि वो कोई बड़ा फैसला लें।
CNN की एक स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी ट्रम्प पर महाभियोग चलाने की मांग कर रही हैं। रिपब्लिकन नेताओं और ट्रम्प के कुछ कैबिनेट सहयोगियों ने गुरुवार को दो बार मीटिंग की। इनका मानना है कि ट्रम्प पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जाए। बहुत मुमकिन है कि इस हफ्ते के आखिर में वे कुर्सी छोड़ भी दें। लेकिन, इसके पहले वे खुद को पाक-साफ बताने की कवायद जरूर करेंगे। अमेरिकी संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति खुद की गलतियां खुद ही माफ कर सकता है। गुरुवार की घटनाओं के लिए दोषी करार दिए जाने से बचने के लिए ट्रम्प खुद को माफ करने वाला ऑर्डर जारी कर सकते हैं। अमेरिका में इसे self-pardon power यानी खुद को माफ करने की शक्ति कहा जाता है। इसका फायदा ये होगा कि भविष्य में ट्रम्प पर हिंसा भड़काने के आरोप में केस नहीं चलाया जा सकेगा। CNN के मुताबिक, ट्रम्प ने इस बारे में अपने वकीलों और व्हाइट हाउस काउंसिल पैट सिल्फोने से लंबी बातचीत कर ली है। एक या दो दिन में इसका ऐलान भी हो सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस बिल्कुल नहीं चाहते कि ट्रम्प के खिलाफ संविधान के आर्टिकल 25 का इस्तेमाल करते हुए उन्हें हटाया जाए। इन हालात में बाकी बचे 12 दिन पेंस को ही राष्ट्रपति पद संभालना होगा। इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति की कैबिनेट ही उन्हें पद से हटा सकती है। लेकिन, इसके लिए वजह पुख्ता होनी चाहिए। मसलन राष्ट्रपति बहुत बीमार हो या अचानक उनका निधन हो जाए।

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