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हिंदुजा फाउंडेशन ने अपने प्रमुख जल जीवन कार्यक्रम के माध्यम से 2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन पर डाला असर

 अगले दो वर्षों में परिणामों में 25 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य

नई दिल्ली (लाइवभारत24)। हिंदुजा समूह की जनकल्याणकारी शाखा हिंदुजा फाउंडेशन ने विश्व जल दिवस के अवसर पर अपने प्रमुख जल जीवन कार्यक्रम को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को नए सिरे से दोहराया है। अपनी बहुआयामी सीएसआर गतिविधियों के तहत हिंदूजा समूह में पानी सबसे प्रमुख मुद्दों में से एक है। 2020 में, समूह ने जल संरक्षण और जल स्रोतों के जीर्णोद्धार कार्यों पर 34 करोड़ रुपए खर्च किए। इस कार्यक्रम के माध्यम से 53000 हैक्टेयर से अधिक भूमि का उपचार किया गया है। यह जमीन कुल मिलाकर 1 लाख फुटबॉल मैदानों के बराबर होती है। इसके अलावा, लगभग 25000 ओलंपिक स्विमिंग पूल (219 मिलियन घन फुट) की भंडारण क्षमता बनाई गई है। इस परियोजना के माध्यम से लगभग 629 मिलियन लीटर सुरक्षित पेयजल का वितरण भी किया गया है – लगभग 31 मिलियन जैरीकेन के बराबर। हिंदुजा फाउंडेशन के प्रेसीडेंट पॉल अब्राहम ने इन उपलब्धियों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘आज हमने जल प्रबंधन के मामले में दुनिया के अग्रणी संगठनों में से एक होने का दर्जा हासिल कर लिया है। आगे बढ़ते हुए, हमारा लक्ष्य अनेक और लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण असर डालना है। हिंदुजा फाउंडेशन और समूह की कंपनियां अपने देश में जल सुरक्षा से संबंधित मुहिम का समर्थन करने के लिए जमीनी संगठनों और सरकार के साथ मिलकर काम करेंगी।’’ देश भर में जल निकायों की संख्या को बढ़ाने के लिए एनजीओ साझेदारों के साथ समूह की सभी कंपनियों के 2400 स्वयंसेवकों ने मिलकर बड़े पैमाने पर दूषित या सूख चुके जल स्रोतों की बहाली के लिए मिलकर काम किया है। हिंदुजा फाउंडेशन के फ्लैगशिप जल जीवन कार्यक्रम के तहत शुरू की गई कुछ प्रमुख पहलों में शामिल हैं – हिंदुजा समूह की विभिन्न कंपनियों द्वारा देशभर में उनकी सभी सुविधाओं, कार्यालयों और शाखाओं में वाटर पाॅजिटिव की दिशा में काम करना। हम झील, तालाबों, टैंकों, नालियों, नदियों और कदम कुओं जैसी जल संरचनाओं को बहाल करने में भी भागीदारी निभाते हैं, साथ ही सुरक्षित पेयजल का वितरण करते हैं, 200 मिमी से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रूफटाॅप हार्वेस्टिंग का काम करते हैं और पानी की आपूर्ति और मांग दोनों को देखते हुए आर्द्रभूमि और हिमालयी स्प्रिंग्स की पुनस्र्थापना और वाटरशैड डेवलपमेंट के कार्यों पर भी ध्यान देते हैं।

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