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स्वस्थ जीवन के लिए मानवता की सेवा करने के लक्ष्य के साथ ह्यूंडई मोटर इंडिया ने जताई सामाजिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता

  • · भारत के दूरदराज के इलाकों में जाकर लोगों को इलाज दे रही ह्यूंडई की मोबाइल मेडिकल वैन के सफर को लेकर ‘स्पर्श संजीवनी’ फिल्म रिलीज की

  • · ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ाई

  • · फिल्म का यूआरएल : https://youtu.be/LcTXNn_VwIY

 नई दिल्ली(लाइवभारत24)। ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड की समाजसेवी कार्य करने वाली इकाई ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने लोगों तक पहुंचने की अपनी पहल ‘स्पर्श संजीवनी’ पर आज एक फिल्म रिलीज की है। इस फिल्म में ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए ह्यूंडई की मोबाइल मेडिकल वैन के सफर को दिखाया गया है। इस फिल्म पर ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के एमडी व सीईओ श्री एस. एस. किम ने कहा, ‘हम अपनी हर पहल से समाज में अर्थपूर्ण बदलाव लाने में भरोसा करते हैं। हम पूरे भारत में लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने, उनके कल्याण और उनकी समृद्धि के लिए प्रयासरत हैं और हमारे प्रयास हमारे विजन प्रोग्रेस फॉर ह्यूमैनिटी से प्रेरित हैं। ‘स्पर्श संजीवनी’ पर बनी इस फिल्म में मेडिकल सपोर्ट और हेल्थकेयर सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के सफर को सटीक तरीके से फिल्माया गया है। हमें ‘स्पर्श संजीवनी’, मोबाइल चिकित्सा को लेकर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और हम इन प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद करते हैं, क्योंकि हम ग्रामीण भारत के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।’ बहुत चुनौतीपूर्ण माहौल के बीचपूरी फिल्म को राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में फिल्माया गया है। इसमें सभी पात्र गांव के स्थानीय निवासी हैं और इस फिल्म का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं। इसकी स्वाभाविकता लोगों को अपने से जोड़ती है। फिल्म में संजीवनी के नाम से जाना जाने वाला जीवनरक्षक मेडिसिनल प्लांट मुख्य पात्र और कहानी सुनाने वाले की भूमिका में है, जो जीवन बचाने की अपनी विरासत के बारे में बताता है। फिल्म में क्रमवार तरीके से मोबाइल मेडिकल यूनिट (स्पर्श संजीवनी) के रूप में सफर को दिखाया गया है, जो दूरदराज के इलाकों में जा रही है और बड़े पैमाने पर लोगों की अथक सेवा कर रही है।

मोबाइल चिकित्सा ‘स्पर्श संजीवनी’ प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण भारत में सबसे जरूरतमंद तबके तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई जा रही है और सभी के स्वास्थ्य एवं कल्याण की दिशा में देश के प्रयासों को और आगे बढ़ाया जा रहा है। ‘मोबाइल चिकित्सा’ की मेडिकल यूनिट का संचालन एचएमआईएफ और इसके पार्टनर एनजीओ ‘वॉकहार्ट’ की तरफ से किया जा रहा है। जिसमें शुरुआती स्तर पर 16 गांवों में 25,000 लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है और रोजाना 2 गांवों तक पहुंचा जाता है।

एचएमआईएफ ने अपनी पहली मोबाइल मेडिकल यूनिट ‘मोबाइल चिकित्सा’ को राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में जनवरी, 2021 में उतारा था, जिसका लक्ष्य जिले के लोगों का सहयोग करना और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना है। मोबाइल चिकित्सा का लक्ष्य 25,000 लोगों तक के समुदाय को स्वास्थ्य सेवा देना है और जरूरत पड़ने पर हम तीन अतिरिक्त समुदायों को भी सेवा दे सकते हैं। इसमें एक योग्य एमबीबीएस डॉक्टर निशुल्क परामर्श देता है और संबद्ध फार्मेसी से दवा देता है। मोबाइल चिकित्सा यूनिट में ब्लड शुगर, बीपी, मलेरिया, डेंगू आदि की तत्काल जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही विभिन्न बीमारियों और उनके बचाव के लिए जागरूकता भी फैलाई जाती है।

मोबाइल चिकित्सा यूनिट अभी तय रोस्टर और करीब 100 मरीजों को इलाज देने के लक्ष्य के साथ रोजाना 2 गांवों में जाती है। मरीजों को हेल्थ कार्ड दिया जाता है, जिससे वे केस हिस्ट्री का रिकॉर्ड रख सकते हैं और जांच में गंभीर बीमारी पाए जाने पर व्यक्ति को नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में रेफर किया जाता है। मोबाइल चिकित्सा को इसी लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है और इसे उन क्षेत्रों में सेवा देने के लिए बनाया गया है जहां स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं। यह वैन लिली, रायपुर जाट, जावली, टोडा, हसनपुर, मुंदजोरी, तिलकपुर, उच्चर, नारनौल, गोर पहाड़ी, दीवली, मनजप्ता, सेमला, बेरला बास, कजोता और कनवारा गांवों को कवर करेगी।

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