कन्नौज। (लाइवभारत24)।  इत्र व्यापारी पुष्पराज जैन पम्पी के घर शुक्रवार को इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। व्यापारी का नाम पुष्पराज जैन पम्पी है। वो सपा से MLC भी हैं। उन्होंने 2022 के लिए 22 फूलों से बना समाजवादी इत्र लॉन्च किया था। सूत्रों का कहना है कि यूपी में एक साथ 50 जगहों पर इनकम टैक्स की छापेमारी चल रही है। इसमें 7 ठिकाने पुष्पराज के हैं। उसके कन्नौज, कानपुर, नोएडा और हाथरस के ठिकानों पर सर्चिंग जारी है। वहीं, इत्र और गुटखा कारोबार से जुड़े अन्य व्यापारियों के यहां छापा पड़ा है।
इत्र कारोबारयों के यहां रेड के बाद लगभग 20 कारोबारियों ने अपने ऑफिस नही खोले। बता दें कि कानपुर के एक्सप्रेसवे में कन्नौज के कई इत्र कारोबारियों के ऑफिस हैं। पम्पी जैन का भी यहां ऑफिस है, यहां पर भी इनकम टैक्स की टीम पहुंच गई है। दफ्तर बंद है, थोड़ी देर में IT ताला तोड़कर सर्च करेगी। कानपुर के एक्सप्रेसवे, नयागंज, घंटाघर और बिरहा रोड स्थिति पर कारोबारियों के कार्यालय आज बंद है।
पड़ोसियों के मुताबिक, पुष्पराज घर में ही हैं। टीम ने जिस घर पर रेड डाली है, यहां उनका भाई अतुल जैन अपनी फैमिली के साथ रहता है। पुष्पराज की फैमिली मुंबई में रहती है। इनकी कोई संतान नहीं है। कन्नौज में उसके दो घर हैं। बता दें, पीयूष जैन का घर भी इसी छिपट्‌टी मोहल्ले में है, जो पुष्पराज के घर से महज 100 मीटर दूर है।
पुष्पराज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और पार्टी के बड़े फाइनेंसर बताए जाते हैं। पीयूष जैन के यहां छापेमारी के बाद से ही पुष्पराज चर्चा में थे। इसके अलावा एक और इत्र कारोबारी मलिक मियां के ठिकानों पर भी कन्नौज में छापेमारी चल रही है। यूपी के नोएडा और अंबेडकर नगर में भी 30 से ज्यादा जगहों पर रेड जारी है। पिछली बार भी IT विभाग पुष्पराज के ठिकानों पर छापा मारने की तैयारी में था। टीम को P की तलाश थी। लेकिन टीम गलती से P यानी पीयूष जैन के घर पहुंच गई।
पुष्पराज जैन के नजदीकियों ने बताया कि जिस दिन कानपुर में पीयूष जैन के यहां छापा पड़ा था। उसके अगले दिन ही पुष्पराज जैन मुंबई रवाना हो गया था। क्योंकि, उसे पूरी शंका थी कि उसके यहां भी आईटी की टीम पहुंच सकती है। बताया जा रहा है कि मुंबई में वह अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट से मिला है।

चर्चा इस बात की भी है कि उसने अपने जरूरी कागजों और नगदी को व्यवस्थित भी किया है। सूत्रों ने तो यहां तक दावा किया कि आयकर टीम पुष्पराज के घर ही छापा मारना था। लेकिन पी-कोडवर्ड के चलते आयकर अफसरों से गलती हुई और पीयूष जैन उसके शिकंजे में आ गया।
पुष्पराज जैन को 2016 में इटावा-फर्रुखाबाद से सपा एमएलसी चुना गया था। वह प्रगति अरोमा ऑयल डिस्टिलर्स प्राइवेट लिमिटेड के सहमालिक हैं। उनके पिता सवैललाल जैन ने 1950 में इस बिजनेस की शुरुआत की थी। पुष्पराज का इत्र का बड़ा कारोबार 12 से ज्यादा देशों में फैला है।

2016 में उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, पुष्पराज और उनके परिवार के पास 37.15 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 10.10 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। कन्नौज के कॉलेज में ही 12 तक पढ़ाई की है।
23 दिसंबर को पीयूष के ठिकानों पर छापा पड़ा। इसके बाद सपा का इत्र बनाने वाले पुष्पराज जैन पम्पी का नाम भी सामने आने लगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि 8 दिन बाद पुष्पराज जैन के घर छापे में कुछ खास बरामदगी नहीं हो सकती है। क्योंकि इन दिनों में कोई भी अपनी संपत्ति को ठिकाने लगा सकता है।
पीयूष जैन के यहां छापेमारी के बाद भाजपा ने उन्हें सपा का बताया तो सपा ने भाजपा से नाता जोड़कर बताया। छापेमारी के बीच 28 दिसंबर को पीएम मोदी कानपुर में ही थे। यहां उन्होंने सपा पर निशाना साधा। बोले- जिन्होंने यूपी में भ्रष्टाचार का इत्र छिड़का था, आज वह सभी के सामने हैं। अब वे लोग क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

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