मुंबई(लाइवभारत24)। हाल ही में आईसीसी ने कोरोनावायरस के कारण मैच के दौरान बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। हर टीम को एक पारी में दो बार चेतावनी दी जाएगी। तीसरी बार में पेनाल्टी के तौर पर बल्लेबाजी करने वाली टीम के खाते में 5 रन जोड़ दिए जाएंगे। भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार गेंद को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेशल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को इसका विकल्प जल्द लाना चाहिए। गेंद को स्विंग कराने के लिए गेंदबाज को बॉल चमकाने की जरूरत होती है। इससे पहले जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा और युजवेंद्र चहल भी यही बात कह चुके हैं।
भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि बॉल को चमकाने के लिए आईसीसी कोई आर्टिफिशियल चीज लेकर आएगी। आपको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत तब होगी, जब इंग्लैंड जैसी स्विंग कंडिशन में बॉलिंग करेंगे। स्पिनर्स को भी इसकी बहुत जरूरत होगी।’’
बुमराह ने कहा था, ‘‘थूक का इस्तेमाल गेंद पर नहीं होने से खेल पूरी तरह बदल जाएगा। इसका पूरा फायदा बल्लेबाजों को ही मिलेगा। पहले ही मैदान छोटे और विकेट सपाट होते जा रहे हैं। ऐसे में गेंदबाजों को थूक की जगह बॉल को चमकाने के लिए कोई और विकल्प मिलना चाहिए ताकि स्विंग या रिवर्स स्विंग मिल सके।
तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘इस साल आईपीएल को जरूर होना चाहिए। क्रिकेट और आर्थिक तौर पर दोनों के लिए यह लीग बहुत ज्यादा जरूरी है।’’ इस साल कोरोना के कारण आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। यह टूर्नामेंट 29 मार्च से होना था। बीसीसीआई टी-20 वर्ल्ड कप टलेगा या नहीं, इस पर आईसीसी के फैसला का इंतजार कर रहा है। यदि वर्ल्ड कप नहीं होता है, तो उसकी जगह अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल कराया जा सकता है।
भारत के सीनियर तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा और स्पिनर युजवेंद्र चहल ने भी बॉल को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को गलत बताया था। ईशांत ने कहा था, ‘‘यदि हम रेड बॉल (टेस्ट मैच में) को चमकाएंगे नहीं, तो वह स्विंग नहीं होगी। यदि स्विंग नहीं मिलेगी, तो बल्लेबाजों के लिए बॉल खेलना काफी आसान हो जाएगा। मेरा मानना है कि मुकाबला बराबर का होना चाहिए, न कि पूरा मैच बल्लेबाजों के पक्ष में करना चाहिए।
वहीं, स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा था, ‘‘जब आप बॉल को चमकाने लिए थूक जैसी नेचुलर चीज का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे तेज गेंदबाज को स्विंग और स्पिनर्स को ड्रिफ्ट कराने में मदद मिलती है।