लखनऊ/नई दिल्ली(लाइवभारत24)। भारत के विद्युत क्षेत्र के पहले इनविट, इंडीग्रिड ने 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही के अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की। इंडीग्रिड ने तिमाही में 3,611 मिलियन रु. का समेकित राजस्व दर्ज कराया, जो वर्ष दर वर्ष आधार पर 78 प्रतिशत अधिक है। तिमाही का समेकित एबिटा 3,290 मिलियन रु. रहा, जिसमें 74 प्रतिशत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गयी। सहवर्धी अधिग्रहणों और लगातार परिचालन के चलते, कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन किया। इंडीग्रिड के इन्वेस्टमेंट मैनेजर के बोर्ड ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही के लिए 3 रु. के डीपीयू का अनुमोदन किया जो इकाईधारक को ब्याज के रूप में देय है। इस 13वें वितरण को लेकर, इंडीग्रिड, लिस्टिंग के बाद से प्रति इकाई 36.56 रु. प्रति इकाई दे चुका है और इस प्रकार, 31 जुलाई, 2020 को कुल 42 प्रतिशत रिटर्न दे चुका है। मैनेजमेंट, बैलेंस शीट को मजबूत बनाये रखने पर जोर देता रहा ताकि निकट अवधि में कोविड-19 संबंधी किसी भी अनिश्चितता का सामना किया जा सके। 30 जून, 2020 को, नेट डेट यूएम 50प्रतिशत रहा, जो कि सेबी इनविट विनियमनों के अनुसार 70 प्रतिशत से काफी कम है। बैलेंस शीट मजबूत होने के चलते फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के तहत 65 बिलियन रु. मूल्य के आसन्न अधिग्रहणों को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता मौजूद है।
तिमाही वित्तीय परिणामों और प्रगतियों पर टिप्पणी करते हुए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हर्ष शाह ने कहा, निकट-अवधि की चुनौतियों के बावजूद, इंडीग्रिड अपने विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है। हमारे हितभागियों और उनके परिवारों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है, और हम सरकारी दिशानिर्देशों का 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि कार्य स्थितियों को सुरक्षित बनाये रखें। परिचालन से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद, टीम ने परिसंपत्ति पोर्टफोलियो की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित की और लॉकडाउन के दौरान अबाधित विद्युत आपूर्ति की। मजबूत बैलेंस शीट और सहवर्धी अधिग्रहणों पर जोर के साथ-साथ इन मजबूतियों ने हमें इस कदर सक्षम बनाया है कि हम बाजारों की लगातार अस्थिरता के बावजूद हमारे निवेशकों को अधिकाधिक रिटर्न दे सकें। हम हमारे एस्सेट पोर्टफोलियो को लगातार बढ़ाकर हमारे निवेशकों को बेहतरीन जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रदान करने की हमारी नीति को लेकर संकल्पित हैं। हम विद्युत क्षेत्र में अवसरों को लेकर उत्साहित हैं और हमें उम्मीद है कि हम वर्ष 2022 तक लगभग 300 बिलियन रुपये के एयूएम का हमारा लक्ष्य हासिल कर सकेंगे।ल कर सकेंगे।