नई दिल्ली(लाइवभारत24)। किसान आंदोलन का आज 66वां दिन है। लेकिन, पिछले 4 दिन में 2 बार हुई हिंसा के बाद आंदोलन में सरकार और पुलिस की तरफ से लगातार एक्शन हो रहा है। केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के तीनों अहम पॉइंट सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी तक बंद कर दी है। उधर, दिल्ली पुलिस की टीम ने शनिवार को जालंधर में छापा मारा। यह कार्रवाई 26 जनवरी को लाल किले में हुए उपद्रव के मामले में की गई। इस कार्रवाई के बारे में जालंधर पुलिस ने बताया कि लाल किले की घटना में शामिल तरन तारन के दो युवकों के यहां छिपे होने की सूचना थी। इसलिए, दिल्ली पुलिस ने यहां के एक इलाके में छापा मारा, लेकिन आरोपी नहीं मिले।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके विरोध में दिल्ली पुलिस महासंघ और घायल जवानों के परिवारों के लोग शहीदी पार्क में प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसा में घायल हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार ने बताया, ‘मैं लाल किले के गेट पर तैनात था। हम भीड़ को बाहर निकाल रहे थे, इसी दौरान उपद्रवियों ने अचानक हमला कर दिया। उनके हाथों में लाठियां और तलवारें थीं। मुझे सिर और पैरों में चोटें आईं हैं।’
UP और हरियाणा से किसान लगातार गाजीपुर पहुंच रहे हैं, क्योंकि मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में यह अपील की गई थी। उधर, किसान नेता आज एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मना रहे हैं। इसके जरिए वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को अब राजनीतिक दल खुलकर समर्थन देने लगे हैं। शनिवार को UP कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, दिल्ली कांग्रेस नेता अलका लांबा और हरियाणा से कांग्रेस सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा गाजीपुर पहुंचे। इंडियन नेशनल लोकदल के महासचिव अभय चौटाला भी आज टिकैत से मिलेंगे। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया गाजीपुर पहुंचे थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिकैत से कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ है।
किसान आंदोलन के सबसे बड़े पॉइंट सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को स्थानीय लोगों और किसानों के बीच हिंसा हो गई। इसमें 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक उपद्रवी ने SHO पर तलवार से हमला कर दिया था। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सिंघु बॉर्डर पर हिंसा के बाद माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए हरियाणा सरकार ने शुक्रवार शाम 17 जिलों में इंटरनेट सर्विसेज पर रोक लगा दी। इनमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा शामिल हैं। इन जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाएं शनिवार शाम 5 बजे तक बंद रहेंगी। सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट सर्विस पहले से ही बंद हैं।
आंदोलन को मजबूत करने के लिए पंजाब के किसान अब दूसरे राज्यों के किसानों को भी साथ लाएंगे। इसके लिए पटियाला से 700, मोगा से 450, गुरदासपुर से 50 और होशियारपुर के टांडा से 70 किसान शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 41 किसान संगठनों की 72 टीमें हर घर से एक सदस्य को भेजेंगी।