लखनऊ (लाइवभारत24)। पर्वतीय महापरिषद द्वारा आयोजित उत्तरायणी कौथिग 2023 के तृतीय दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, जिनका स्वागत महापरिषद के मुख्य संयोजक टी एस मनराल, संयोजक के एन चन्दोला, अध्यक्ष गणेष चन्द्र जोषी, महासचिव महेन्द्र रावत ने पुष्पगुच्छ देकर व महिला षाखा की सरोज खुुल्बे, मोहनी धपोला, रमेष उपाध्याय, कृपाल सिंह रावत, बी बी भट्ट एव ंके एन पाठक द्वारा पुष्पगुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत व युवा षाखा के दीपक चिलकोटी एव चन्द्रकांत जोषी द्वारा प्रतीक चिन्ह प्रदान किया। उत्तरायणी कौथिग में प्रातः कालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज सरोजनी नगर से मंजु नेगी, एल डी ए सरोजनी नगर से बीना रावत, रामलीला समिति तेलीबाग से राजेन्द्र सिंह, रामलीला समिति तेलीबाग से दीपा ऐरी, ने क्रमषः ’’बाज नी काट लछिमा’’ ’’सच बताए पार्वती’’ ’’उत्तरायणी म्यल लागि रो एवं ’’मेरी साली रंगीली साली’’ गीतों पर साामुहिक झोड़ा गायन व नृत्य एवं सरोजनी नगर सांस्कृतिक दल ने ’’जन बासे घुघुती रूणा-झुणा’’ व अन्य गीतों में बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। वहीं उत्तराखण्ड का मषहूर लोक नृत्य झूमिगो , छपेली की प्रतियोगिता आयोजित की गई।
जिसमें समीहा ग्रुप गोमती नगर, रामलीला समिति तेलीबाग, पर्वतीय महापरिषद षाखा गोमती नगर एवं गोमती नगर विस्तार के दलों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रमों का संचालन महेन्द्र पन्त एवं गोविन्द बोरा द्वारा किया गया। मीडिया सहप्रभारी भुवन पाण्डेय ’’जहाँवासी’’ ने बताया कि ’’झूमिगो छपेली प्रतियोगिता’’ उत्तराखण्डी बोली भाषा एवं संस्कार को समर्पित है। उत्तरायणी कौथिग स्थल पर षेल्बी आर्थोपीडिक्स सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस, आई0 आई0 रोड लखनऊ द्वारा उत्तराखण्ड कौथिग 2023 में स्टाॅल लगाकर हड्डी एवं जोड़ रोगों से सम्बन्धित जागरूकता कार्यक्रम किया गया। मुख्य रूप से हाॅस्पिटल में उपलब्ध सुविधाओं, जोड़ प्रत्यारोपण, कूल्हा प्रत्यारोपण, आर्थोस्कोपिक सर्जरी की विषेषताओं के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में निःषुल्क बीपी, सुगर, चिकित्सक परामर्ष दिनांक 23 जनवरी 2023 तक मेला प्रांगण में उपलब्ध रहेगा। षैल्बी हाॅस्पिटल की ओर से आॅरेषनन्स मैनेजर षुभम् वर्मा, मार्केटिंग मैनेजर प्रियंक यादव ने जानकारी दी। वही दूसरी ओर साहित्यकार के एन चन्दोला द्वारा प्रष्नउत्तरी ,सामान्य ज्ञान के बारे में उपस्थित दर्षकों को पूछा और बताने वाले को पुरूकृत भी किया। सायंकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य रूप से पिथौरागढ़, जमराही गाँव, उत्तराखण्ड से आए कैलाष कुमार ने अपने पहाड़ी गीतों से दर्षको का समा बाधा कैलाष ने पारम्परिक गीतों के साथ अपने हिट गीत ’’करमे की खानी व खिड़की मा बैरोली’’ गीत गाकर कौथिग में उपस्थित दर्षकों की वाह-वाही लूटी। वहीं देहरादून से आए हंसा ग्रुप के कलाकारों ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल के लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्षकों का मन मोह लिया। लोहाघाट, उत्तराखण्ड से आए भैरव राय के ग्रुप ने भी अपनी षानदार प्रस्तुतियां दीं।
हेमंत गड़िया मीडिया प्रभारी ने बताया कौथिग स्थल पर पर्वतीय महापरिषद द्धारा संचालित चिल्लर कोष एक रूपया प्रति दिन का सदस्यता चला जिसमें भारी संख्या में लोगो ने चिल्लर कोष की सदस्यता ग्रहण की जिसको उपयोग किसी जरूरत मंद संदस्य व परिवार को किसी आपातकालीन स्थिति में सहयोग किया जाता है। अभी तक कौथिग स्थल पर 1000 चिल्लर कोष के सदस्य बन चुके है। जिसका पूर्ण लेखा -जोखा महापरिषद के कोषाध्यक्ष के एस रावत देख रहे है।
कार्यालय व्यवस्था में कई पदाधिकारीगण हरीष काण्डपाल, के एन पाण्डेय, बसंत भटट, डी डी नरियाल, गोपाल दत्त जोषी, पियूष पाण्डेय,ज्ञान पंत, के सी पंत, जितेन्द्र उपाध्याय, के एस मेहता, पुष्कर नयाल, रविन्द सिह बिष्ट, गोपाल गौलाकोटी, संजय पाण्डेय, आन्नद सिह भण्डारी ,एन के पाठक, चन्द्रषेखर तिवारी, सूरज सिह, महिला पदाधिकारी माया भटट, चित्रा काण्डपाल, सुमन मनराल, सहित कई लोग उपस्थित थें।